सोशल मीडिया कानून के खिलाफ कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बोला हमला, कहा, लोकतंत्र के ऑक्सीजन को खत्म करना चाहती है सरकार

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा, सोशल मीडिया कानून भारत सरकार के उत्तर कोरियाई रवैये को दिखाता है, सरकार को लगता है कि उसकी आलोचना और ऑक्सीजन की कमी की शिकायत करना ही राष्ट्रद्रोह है

Updated: May 27, 2021, 04:15 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा सोशल मीडिया कंपनियों को दिया गया अल्टीमेटम समाप्त हो चुका है। इसके बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर नए सोशल मीडिया के नियमों को लेकर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ऐसा कर के लोकतंत्र के ऑक्सीजन को समाप्त करना चाहती है। 

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नए सोशल मीडिया कानून मोदी सरकार के उत्तर कोरियाई रवैया दर्शाता है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार पहले ही चुनाव आयोग, ईडी और सीबीआई को अपने नियंत्रण में कर चुकी है। मोदी सरकार लगातार इस प्रयास में है कि वह लोकतंत्र के हर स्तंभ को अपने नियंत्रण में कर ले। 

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अभिषेक मनु सिंघवी ने इन कानूनों को अभिव्यक्ति की आज़ादी के खिलाफ बताया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस सरकार के मुताबिक सरकार की आलोचना करना राष्ट्रद्रोह है, ऑक्सीजन की कमी की शिकायत करना, ऑक्सीजन की मांग करना राष्ट्रद्रोह है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के इस कदम के खिलाफ हम सब मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ही लोकतंत्र का ऑक्सीजन है। 

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दरअसल फरवरी महीने में केंद्र सरकार ने भारत में संचालित हो रही सोशल मीडिया कंपनियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। जिसमें शिकायत अधिकारियों की नियुक्तियां सहित सोशल मीडिया पर कथित तौर पर राष्ट्र के विरोध में चलाए जाने वाले अभियानों में मेसेज के ओरिजिन को पता लगाने जैसे निर्देश हैं। फेसबुक और गूगल ने बताया है कि दोनों कंपनियां सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करने के संबंध में काम कर रही हैं। लेकिन वॉट्सएप केंद्र सरकार के नियमों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया है। वॉट्सएप का कहना है कि केंद्र सरकार के ये नियम उसके यूजर्स की निजता पर खतरा होने के साथ साथ निजता के अधिकारियों का उल्लंघन है।