IIT BHU की छात्रा से गैंगरेप के दो आरोपी जेल से बाहर, BJP MLA के साथ जश्न मनाते फोटो वायरल

सोशल मीडिया में एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें आईआईटी बीएचयू छात्रा से गैंगरेप करने वाले आरोपी और बीजेपी विधायक जश्न मनाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

Updated: Sep 01, 2024, 05:01 PM IST

वाराणसी। आईआईटी बीएचयू की छात्रा से गैंगरेप के दो आरोपी जेल से बाहर आ गए हैं। तीसरे आरोपी की जमानत याचिका पर सितंबर माह में इलाहाबाद हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। इस बीच, जेल से बाहर आए भाजयुमो पदाधिकारी कुणाल पांडे और अभिषेक चौहान की सोशल मीडिया पर निंदा हो रही है, तो वहीं दोनों की फोटो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। इस फोटो में वाराणसी कैंट विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक सौरभ श्रीवास्तव जश्न मनाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

वायरल हो रही फोटो में बीजेपी विधायक सौरभ अपने हाथों से आरोपी अभिषेक चौहान के चेहरे पर केक लगा रहे हैं। वहीं, मामला तूल पकड़ने पर बीजेपी विधायक का कहना है कि यह तस्वीर पुरानी है। जेल से आने के बाद उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की है।
हालांकि, आरोपी के मोहल्ले में निवासरत लोगों का कहना है कि जेल से आने के बाद उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया गया।

बता दें कि पिछले साल 1 नवंबर को आईआईटी बीएचयू परिसर में छात्रा से गैंगरेप किया गया था। इस घटना के बाद छात्रों ने कई दिनों तक प्रदर्शन किया था। गैंगरेप के दो आरोपी कुणाल पांडे और अभिषेक चौहान इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आ गए हैं। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत अर्जी पर सितंबर में सुनवाई होनी है।

वहीं, आरोपियों के जमानत मिलने पर विपक्ष हमलावर है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की आईटी सेल के पदाधिकारी के रूप में काम करनेवाले बीएचयू गैंग रेप के तीन आरोपियों में से दो को ज़मानत मिलने की ख़बर निंदनीय भी है और चिंतनीय भी। सवाल ये है कि दुष्कर्म करनेवालों की कोर्ट में लचर पैरवी करने का दबाव किसका था। ये देश की बेटियों का मनोबल गिराने की शर्मनाक बात है कि न केवल ये बलात्कारी बाहर आ गये बल्कि ऐसी भी ख़बरें हैं कि भाजपाई परम्परानुसार इनका फूल-मालाओं से स्वागत भी हुआ है।

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भाजपा इस बारे में देश की बहन-बेटियों से कुछ कहना चाहेगी? आशा है सच्ची पत्रकारिता करनेवाली सभी महिला एंकर इसके बारे में अपना एक शो ज़रूर करेंगी। इस अति संवेदनशील मामले में तो हम भाजपा-संबद्ध उन तथाकथित ‘ईमानदार’ पत्रकारों से भी, रस्म अदायगी के स्तर पर ही सही, उनके महिला होने के नाते, इतनी उम्मीद तो कर सकते हैं कि वो बोलेंगीं नहीं लेकिन इस जमानत को सही ठहराने के लिए कुतर्क करनेवाले भाजपाई प्रवक्ताओं को कम से कम टोकेंगी तो, उन सबसे इससे ज़्यादा की उम्मीद रखना बेमानी है।भाजपा स्पष्ट करे कि क्या देश के ‘प्रधान संसदीय’ क्षेत्र में भाजपाई कार्यकर्ताओं को दुष्कर्म करने की विशेष छूट और स्वतंत्रता मिली हुई है?