Coronavirus Vaccine : 12 अस्पतालों में 375 लोगों पर हो रहा है ट्रायल

क्लीनिकल ट्रायल सफल होने के बाद अब इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। भारत में इस वैक्सीन को लेकर लोगों में काफी उम्मीदें हैं।

Publish: Jul 19, 2020, 04:20 AM IST

दिल्ली : देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच इसके इलाज के लिए वैक्सीन निर्माण का कार्य भी जोर-शोर से चल रहा है। भारत की पहली संभावित कोरोना वैक्सीन COVAXIN के क्लीनिकल ट्रायल सफल होने के बाद अब इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। भारत में इस वैक्सीन को लेकर लोगों में काफी उम्मीदें हैं। देशभर के 12 अस्पतालों में 375 लोगों पर फिलहाल इस वैक्सीन की टेस्टिंग की जा रही है।

वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर इस वैक्सीन के आगे की टेस्टिंग की निगरानी शुरू कर दी है। कोरोना की इस पहली संभावित वैक्सीन की टेस्टिंग करने वाले देश के 12 अस्पतालों में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस दिल्ली, एम्स पटना, विशाखापत्तनम का किंग जॉर्ज हॉस्पिटल, रोहतक का पीजीआई, बेलगाम का रेखा अस्पताल, नागपुर का गिल्लुरकर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, गोरखपुर का राणा हॉस्पिटल, चेन्नई का एसआरएम अस्पताल, हैदराबाद का निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, भुवनेश्वर का कलिंग हॉस्पिटल और कानपुर का प्रखर हॉस्पिटल और गोवा का एक अस्पताल शामिल है।

भारत बायोटेक का कहना है कि वह रैंडम डबल ब्लाइंड क्लिनिकल ट्रायल करेगी। जिसका मतलब इस टेस्ट में शामिल कुछ लोगों को असली दवा दी जाएगी वहीं कुछ लोगों को सिर्फ नमक और ग्लूकोज दिया जाएगा। इस दौरान मरीज को जानकारी नहीं होगा कि उन्हें वैक्सीन दी गई है या नहीं। सिर्फ रिसर्चर्स के एक ग्रुप को इस बात की जानकारी होगी कि किस मरीज को क्या दिया गया है। इसके बाद कुछ दिनों तक पीड़ितों को निगरानी में रखी जाएगी और टेस्ट की अवधि पूरी होने के बाद उनमें वैक्सीन का प्रभाव देखा जाएगा। इसी के आधार पर यह तय होगा कि वैक्सीन कोरोना को खत्म करने में कितनी प्रभावी है।

कुछ दिन पहले ही खबर आयी थी कि सरकार ने भारत बायोटेक कंपनी को 15 अगस्त तक वैक्सीन लॉन्च करने के लिए कहा है। वैज्ञानिकों में इस आदेश को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। लेकिन देश में इस समय दस लाख से ज्यादा कोरोना के मरीजों की संख्या को देखते हुए जनता को इसके सफल इलाज का बेसब्री से इंतज़ार है।