क्या पेगासस स्पाइवेयर से हुई थी चंद्रबाबू नायडू की जासूसी, TDP सरकार बनते ही शुरू होगी जांच

चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश के मुताबिक उन्हें एप्पल कंपनी की ओर से पेगासस का अलर्ट मिला था, उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही हम इसकी जांच कराएंगे।

Updated: Jun 09, 2024, 10:50 AM IST

अमरावती। आंध्र प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में टीडीपी ने शानदार जीत दर्ज की है। इसी के साथ अब चंद्रबाबू नायडू राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। 12 जून को प्रस्तावित शपथग्रहण के पहले ही नायडू सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने राज्य की पुलिस से पेगासस स्पाइवेयर से संबंधित रिपोर्ट मांगी है।

दरअसल, चंद्रबाबू नायडू को आशंका है कि राज्य की YSRCP सरकार द्वारा अवैध रूप से पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल उनकी जासूसी के लिए किया गया। ऐसे में उन्होंने आंध्र प्रदेश पुलिस से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है कि क्या निवर्तमान सरकार द्वारा उनके और उनके बेटे नारा लोकेश के फोन टैप करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया था। 

चंद्रबाबू नायडू के बेटे लोकेश ने मीडिया से कहा कि मुझे दो बार पेगासस का निशाना बनाया गया। एक बार मार्च 2023 में मेरी "युवा गलाम यात्रा" के दौरान और एक बार इस साल अप्रैल में चुनाव प्रचार के दौरान। उन्होंने कहा कि उन्हें और टीडीपी चीफ को एप्पल से इस संबंध में अलर्ट मिला था। हमें संदेह है कि जगन सरकार ने हमारे फोन टैप करने के लिए पेगासस का इस्तेमाल किया था।

लोकेश ने कहा कि राज्य में तेलुगु देशम पार्टी की सरकार बनते ही यह जांच की जाएगी कि स्पाइवेयर कैसे खरीदा गया, कहां से इसे संचालित किया गया और किन लोगों को निशाना बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जगन मोहन रेड्डी सरकार ने स्पाइवेयर को अवैध तरीके से हासिल किया और इसे राज्य के बाहर से संचालित किया। 

इतना ही नहीं उन्होंने खुफिया इनपुट के हवाले से दावा किया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा सबूतों को नष्ट किया जा रहा है। लोकेश ने कहा कि नामित मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राज्य पुलिस महानिदेशक को इसे रोकने और अगले निर्देश तक सभी कार्यालयों को सील करने के निर्देश दिए हैं। चंद्रबाबू नायडू 12 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे

बता दें कि पेगासस एक जासूसी सॉफ्टवेयर है जिसे इजरायली फर्म NSO ने डेवलप किया है। इस साफ्टवेयर के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की जासूसी आसानी से की जा सकती है। NSO का दावा है कि वह सिर्फ निर्वाचित सरकारों को ही यह सॉफ्टवेयर बेचती है। साल 2021 में कुछ इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार पर भी इस स्पाइवेयर की मदद से राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं की जासूसी करने के आरोप लगे थे।