चीन की टक्‍कर में भारत का सैन्य खर्च

चीन और पाकिस्तान के कारण भारत ने बढ़ाया अपना सैन्य खर्च

Publish: Apr 29, 2020, 12:30 AM IST

साल 2019 में अमेरिका और चीन के बाद भारत का सैन्य खर्च सबसे अधिक रहा. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है कि सैन्य खर्च के मामले में चीन और भारत पहले तीन स्थान में शामिल हुए हों. वहीं इसी साल सैन्य खर्च के मामले में रूस चौथे और सऊदी अरब पांचवें स्थान पर रहा. विश्व के कुल सैन्य खर्च में इन पांच देशों का हिस्सा 62 प्रतिशत रहा.

अगर पूरी दुनिया में सैन्य खर्च की बात करें तो साल 2019 में इसमें 2 खरब डॉलर की वृद्धि हुई. यह 2018 मुकाबले 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी है. साथ ही 2019 में किया गया सैन्य खर्च वैश्विक जीडीपी का 2.2 फीसदी रहा. मतलब प्रति व्यक्ति 249 डॉलर.

सिप्री के सीनियर रिसर्चर साइमन टी वेजमान ने कहा, “भारत की अपने दोनों पड़ोसियों चीन और पाकिस्तान से प्रतिद्वंदिता और तनाव सैन्य खर्च बढ़ने की एक मुख्य वजह है.”

सिप्री के एक दूसरे रिसर्चर नान टिआन ने कहा, “2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद यह सैन्य खर्च का सबसे उच्च स्तर है और यह खर्च में बढ़ोतरी प्रदर्शित करता है.”

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संस्था का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से आने वाली आर्थिक मंदी से सैन्य खर्च में कमी आएगी.

आंकड़ों की अगर बात करें तो 2019 में भारत ने सैन्य खर्च में पिछले साल के मुकाबले 6.8 फीसदी की वृद्धि की. भारत ने लगभग 71 अरब डॉलर खर्च किए. वहीं चीन ने अपने सैन्य खर्च में 5.1 फीसदी की वृद्धि की और कुल 261 अरब डॉलर खर्च किए. अन्य एशियाई देशों जैसे जापान ने 47.6 अरब डॉलर और दक्षिण कोरिया ने 43.9 अरब डॉलर खर्च किए.

अमेरिका ने भी अपने सैन्य खर्च में 5.3 फीसदी की वृद्धि की. अमेरिका ने कुल 732 अरब डॉलर खर्च किए. 2019 के कुल वैश्विक खर्च में अमेरिका का हिस्सा 38 फीसदी रहा. रूस ने अपने सैन्य खर्च में 4.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की.