10वीं शताब्दी के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर का सौंदर्यीकरण कराएगी सरकार, बुंदेलखंड को उसका गौरव याद दिलाने की तैयारी

कर्क रेखा पर स्थित इकलौता सूर्य मंदिर है, रहली में 1100 साल पहले इसका निर्माण चंदेल राजाओं ने करवाया था

Updated: Apr 08, 2021, 09:41 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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सागर। सागर के रहली में 1100 साल पुराना चंदेल कालीन सूर्य मंदिर है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह मध्यभारत का एक मात्र सूर्य मंदिर है। यह देश का अकेला ऐसा मंदिर है जो कर्क रेखा पर स्थित है। भारत सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस स्थान का सौंदर्यीकरण कराने जा रही है। इसके लिए आर्कियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की मदद ली जा रही है।  

सागर जिले के रहली नगर में यह भव्य प्राचीन सूर्य मंदिर सुनार और देहर नदी के संगम पर स्थित है। चंदेल वंश के राजा ने इसकी स्थापना 10 वीं शताब्दी में करवाई थी। 1100 साल पुराने इस मंदिर की खासियत है कि यह देश का इकलौता सूर्य मंदिर है जो कर्क रेखा पर स्थित है। यह सूर्य मंदिर पूर्व मुखी है। सूरज की सीधी किरणें सूर्योदय के समय मंदिर पर पड़ती हैं। यह मंदिर शहतीर कला का उदाहरण माना जाता है।

मंदिर में भगवान सूर्य की प्रतिमा विराजमान हैं। रथ में सात घोड़ों जुते नजर आते हैं। भगवान सूर्य उसी रथ पर सवार हैं। माना जाता है कि ये घोड़े सात वर्णों का प्रतीक हैं। इस प्राचीन सूर्य प्रतिमा में सूर्य की दो पत्नियां भी विराजमान हैं। वहीं इस दरबार में एक तरफ कुबेर और दूसरी तरफ भगवान विष्णु की प्रतिमा है। मंदिर में महाश्वेता देवी अभय की मुद्रा में स्थापित हैं साथ ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश की त्रिमूर्ति विराजमान हैं।

इस मंदिरों के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं। मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां कई ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरें हैं। जो बुंदेलखंड की गौरवशाली गाथा कहती हैं। रहली के इस 1100 साल पुराने चंदेल कालीन सूर्य मंदिर को सजाने संवारने की तैयारी की जा रही है। भारत सरकार के प्रयास से इस ऐतिहासिक धरोहर का सौंदर्यीकरण होगा। 

 

गौरतलब है कि इस मंदिर के नजदीक करीब पांच एकड़ के एरिया में पार्क विकसित किया जा रहा है। जिससे मंदिर की भव्यता और खूबसूरती बढ़ेगी। यहां पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस 1100 साल प्राचीन मंदिर का दीदार कर सकें। सूर्य मंदिर के पीछे इस पार्क का निर्माण होगा। पहले यह स्थान वन विभाग क कब्जे में था, लेकिन अब प्रशासन ने यहां पार्क बनाने का निर्णय लिया है।

भारतीय पुरातत्व विभाग की देखरेख में कार्य किया जाएगा। बता दें कि इस सूर्य मंदिर की मूर्तियों की चोरी भी हो चुकी हैं। जिसके बाद पुलिस ने तस्करों से इन्हें बरामद कर लिया था। रेहली के इस सूर्य मंदिर के परिसर में प्राचीन काल की कई मूर्तियां खंडित और क्षतिग्रस्त अवस्था में बहुतायत पाई जाती हैं। अब इसका सौंदर्यीकरण होने से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिल सकेंगी।