जी भाईसाहब जी: बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान से छिना एक और पद
MP News: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान संसद में कांग्रेस को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं जबकि मध्य प्रदेश में उनके हिस्सा हथियाया जा रहा है। खुद बीजेपी ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की जमीन का सीमित कर रही है।
अभी एक बरस भी नहीं हुआ है जब मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना प्रस्तुत कर राजनीतिक बाजी बदल दी थी। तब तक मामा कहलाने वाले शिवराज सिंह चौहान लाड़ली बहना के भाई बन गए थे। वे पूरे प्रदेश के मामा थे फिर पूरे प्रदेश के भाई हो गए।
बीजेपी तब तगड़े बहुमत से जीत कर आई तो मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान का दावा पक्का था लेकिन पार्टी ने चेहरा बदल दिया। खुद शिवराज सिंह चौहान और उनके समर्थकों ने इस निर्णय पर अलग-अलग तरीकों से नाराजगी जाहिर की थी। पार्टी ने लोकसभा चुनाव तक शिवराज सिंह चौहान को खाली रखा। केंद्र में सरकार बनने के बाद उन्हें केंद्रीय कृषि मंत्री बनाया गया।
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद से ही शिवराज सिंह चौहान अपनी हैसियत और ताकत बता रहे हैं। इनदिनों वे संसद में अपने अंदाज में राजनीतिक जमीन घेर रहे हैं लेकिन मध्य प्रदेश में उनकी ‘जमीन’ पर पार्टी की निगाह लग गई है। लाड़ली बहना योजना को ही आधार बना कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव महिलाओं के बीच लोकप्रिय होने का जतन कर रहे हैं। उनके बारे में बताया जा रहा है कि वे विधायक थे तब ही से अपने क्षेत्र में हर साल महिलाओं से राखी बंधवाते आ रहे हैं। वे एक दिन नहीं बल्कि पूरे सावन के माह में राखी बंधवाते हैं।
शिवराज सिंह चौहान की तरह महिलाओं के बीच अपनी उपस्थिति का दायरा बढ़ा रहे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अब अपने विधायकों से कहा है कि वे भी अपने क्षेत्र में महिलाओं से राखी बंधवाएं।
पहले मुख्यमंत्री पद गया, फिर प्रदेश छिना गया और अब शिवराज सिंह चौहान से प्रदेश भर में लाड़ली बहनों के भाई का पद छिना जा रहा है। संगठन तय कर चुका है कि अब एक नेता नहीं बल्कि हर विधायक अपने क्षेत्र में बहनों का भाई और भांजें भांजियों का मामा कहलाए। मतलब अब बीजेपी में एक मामा या भाई नहीं होगा बल्कि हर नेता कहेगा, मैं भी मामा, मैं भी लाड़ली का भाई।
मोहन सरकार पर गिर रहे बीजेपी बम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार का प्रोबेशन पीरियड खत्म हो गया है। कामकाज समझ कर अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने रंग में आ रहे हैं। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती उनकी ही पार्टी के नेता और मंत्री खुद बन रहे हैं। वे न केवल मुख्यमंत्री के फैसलों में बाधा बन रहे हैं बल्कि सुशासन पर भी सवाल उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फैसला किया था कि रात में बाजार खुले रखे जाएंगे। तर्क किया गया था कि इससे व्यापार बढ़ेगा। लेकिन वे अपने फैसले को लागू नहीं करवा पाए क्योंकि कद में ‘बड़े’ मंत्री प्रहलाद पटेल ने सहयोग नहीं किया। प्रहलाद पटेल के श्रम विभाग ने इस प्रस्ताव पर ऐसा अड़ंगा डाला कि ऐतिहासिक कहे जाने वाले फैसले की हवा निकल गई।
अब प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के एक पत्र ने सरकार की पोल खोल दी है। हुआ यूं कि पन्ना में महर्षि अगस्त्य की तपोस्थली कही जाने वाली सिद्धनाथ तीर्थ स्थल में राम पथ गमन मार्ग और पुलिया पहली ही वारिश में ही क्षतिग्रस्त हो गई। इसे भ्रष्टाचार का असर मानते हुए क्षेत्रीय सांसद और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष विष्णु शर्मा ने पन्ना कलेक्टर को पत्र लिख दिया। जब प्रदेश अध्यक्ष के क्षेत्र में राम वन गमन पथ जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में यूं भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है तो प्रदेश के हाल समझे जा सकते हैं।
बात इतनी ही नहीं है। इसके पहले पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह को पत्र लिख कर खराब सड़क सुधारने का आग्रह किया था। सतना के सांसद गणेश सिंह ने भी पत्र लिख कर स्मार्ट सिटी के कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। इसतरह, बीजेपी सरकार अपनों के ही हमलों से घायल है और मुख्यमंत्री यादव के लिए जनता को खुश करने से ज्यादा अपनों की पीड़ा दूर करना जरूरी हो गया है।
गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में सक्रिय, बीजेपी सांसद का बायकाट
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया यूं तो गुना के सांसद है लेकिन ग्वालियर उनका गृह क्षेत्र और वे यहीं अधिक सक्रिय रहते हैं। उनका यूं सक्रिय होना बीजेपी के ही सांसद भारत सिंह को नागवार गुजर रहा है। राजनीतिक में ही नहीं बल्कि ग्वालियर में हो रहे विकास कार्यों का श्रेय लेने के लिए भी दोनों में प्रतिस्पर्धा दिखाई देती है। गुजरे हफ्ते भी यही हुआ।
ग्वालियर-आगरा सिक्स लेन हाई-स्पीड कॉरिडोर की घोषणा के बाद केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे। यहां मीडिया से चर्चा में मंत्री सिंधिया ने कहा कि 4 साल से मेरा सपना था कि हम ग्वालियर को एक एक्सप्रेस-वे देना चाहिए। इसके लिए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से अनुरोध किया गया था। उन्होंने असंभव को संभव करते हुए ग्वालियरवासियों को यह सौगात दी है।
मंत्री सिंधिया जब यह मीडिया से यह बात कर रहे थे तब ग्वालियर के सांसद भारत सिंह उनके साथ नहीं थे। जब सिंधिया ने शहर में विकास कार्यों का जायजा लिया तब भी सांसद भारत सिंह गायब थे। एक खेमा कह रह है कि उन्हें बुलाया नहीं गया जबकि दूसरा कह रहा है कि वे आए ही नहीं क्योंकि गुना के सांसद का ग्वालियर में सक्रिय होना उन्हें पसंद नहीं आ रहा है।
दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले सांसद भारत सिंह कुशवाह ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की बैठक ली तो उसके बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी स्मार्ट सिटी के कार्यालय में अधिकारियों की बैठक ली। जब सिंधिया ने ग्वालियर में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित करने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा तो सांसद भारत सिंह कुशवाह ने भी मुख्यमंत्री को इसी मांग के साथ पत्र लिख दिया था।
कांग्रेस की मैदान में अगस्त क्रांति
विपक्ष है तो विपक्ष की तरह तेवर भी दिखाने पड़ेंगे। इसी सूत्र वाक्य को समझ कर सदन (विधानसभा) के बाद अब कांग्रेस सड़क पर भी उतर रही है। प्रदेश कांग्रेस ने अगस्त माह में प्रदेश के प्रमख शहरों में शक्ति और विरोध प्रदर्शन की तैयारी की है। अगस्त माह अंग्रेजों के खिलाफ 1942 में हुई क्रांति की वजह से अगस्त क्रांति के रूप में याद किया जाता है। इस माह मध्य प्रदेश कांग्रेस ने 4 बड़े आंदोलन की तैयारी की है।
पार्टी ने तय किया है कि 6 अगस्त को निगम भ्रष्टाचार के खिलाफ इंदौर में, 9 अगस्त को लहार में, 13 अगस्त को उज्जैन और 30 अगस्त को यूथ कांग्रेस का युवा क्रांति आंदोलन भोपाल में होगा। इन आंदोलनों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र सिंह सहित बड़े नेताओं के शामिल होने की उम्मीद जता रही है। इन आंदोलनों के जरिए कांग्रेस किसान, युवा, कर्ज, महंगाई, कानून व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरने की जुगत में है। योजना यही है कि जनता के बीच पहुंच मजबूत होगी तो सदन में भी आवाज को बल मिलेगा।