BJP समंदर, नदियां समा जाती हैं... ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया भी खो गए

ऐसे समय में जब प्रदेश में उपचुनाव की आहट है और सभी राजनेता सक्रिय हैं तब ज्योतिरादित्य सिंधिया का 'गायब' होना चौंकाता है।

Publish: Jun 05, 2020, 09:10 PM IST

कभी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में शुमार ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को भाजपा में जगह बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लगता है कि ‘महाराज’ शैली में काम करने वाले ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया का भाजपा में परिचय आम कार्यकर्ता जितना रह गया है। जहां भाजपा के दिग्गिज नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उन्‍हें लेकर दूसरी बार कमेंट कर चुके हैं तो पूर्व मुख्‍यमंत्री उमा भारती ने भी भाजपा को समंदर और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को छोटी नदी करार दिया। यहां तक कि उप चुनाव के लिए हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया गायब दिखे जबकि इस बैठक में कई बड़े नेता शामिल हुए। ये सारे घटनाक्रम कांग्रेस में लौट आएज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के कट्टर समर्थक सत्येंद्र यादव की उस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भाजपा में घुटन महसूस कर रहे हैं। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया हमेशा पॉवर पॉलिटिक्‍स करते रहे हैं। वे अपने साथ कार्यकर्ताओं की भीड़ लेकर चलते हैं जो उनकी महाराज की छवि को चमकाती है मगर लगता है ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में अपनी यह छवि और पॉलिटिक्‍स कायम नहीं रख पा रहे हैं। एमपी में राज्‍यसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। जल्‍द ही 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्‍यसभा चुनाव के लिए उम्‍मीदवार भी हैं और उप चुनाव वाली 24 में से 16 सीटें उनके प्रभाव क्षेत्र में आती हैं। ऐसे में जब पूरी भाजपा सक्रिय है तब ज्योतिरादित्य सिंधिया का सक्रिय नहीं होना चौंकाता है। इतनी नहीं भाजपा के बड़े नेता भी उन्‍हें लेकर गंभीर नहीं है।

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द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को लेकर एक ही सप्‍ताह में दूसरा बड़ा बया दिया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मंगलवार 2 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्वालियर के पत्रकारों से बात कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक स्थानीय अखबार के पत्रकार ने ग्वालियर में गुटबाजी को लेकर सवाल किया था। उस पर नरेंद्र सिंह तोमर ने बहुत ही सधे हुए अंदाज में कहा कि बीजेपी बहुत बड़ी पार्टी है, यह हर किसी को पचाने में सक्षम है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया के लापता होने के पोस्टर लगे थे। इस दौरान नरेंद्र सिंह तोमर भी ग्वालियर दौरे पर थे। उनसे सवाल किया गया था कि सिंधिया के पोस्टर लगे हैं। इस पर नरेंद्र सिंह तोमर ने मजकिया ही लहजे में कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कोई जनप्रतिनिधि थोड़े ही न हैं।

फायर ब्रांड नेता कही जाने वाली मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मुरैना में मीडिया से चर्चा में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कहा कि भाजपा एक अथाह सागर है और इसमें छोटी छोटी नदियां आकर समा जाती है। समुद्र कभी अपनी सीमा लांघ कर किसी दूसरे के पास नहीं जाता, बल्कि छोटी नदियां घूम फिर कर समंदर में समा जाती हैं।

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सिंधिया को लेकर उनके ही क्षेत्र ग्‍वालियर चंबल में जहां भाजपा नेता ऐसे बयान दे रहे हैं वहीं एमपी उपचुनाव के लिए भाजपा के राष्‍ट्रीय महासचिव बीएल संतोष द्वारा की गई वीडियो कांफ्रेंस में भी सिंधिया नदारद रहे। उपचुनाव में महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेदारी पाने वाले कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय द्वारा ट्वीट किए गए फोटो में कई बड़े नेता दिखाई दे रहे हैं मगर सिंधिया गायब हैं जबकि मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष प्रभात झा सहित  कई नेता इस वीसी में थे।

 

ऐसे समय में जब प्रदेश में उपचुनाव की आहट है और राजनीति शीर्ष पर है तब ज्योतिरादित्य सिंधिया का गायब होना चौंकाता है। ऐसे में बार-बार यही सवाल उठता है कि क्‍या सिंधिया भाजपा में जगह नहीं बना पा रहे हैं? ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक रहे मध्य प्रदेश सेवादल के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र यादव के बयान में इसका जवाब मिल सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद सत्येंद्र यादव ने भी सेवादल से इस्तीफा दे दिया था। यादव फिर प्रदेश कांग्रेस में लौट आए हैं। सत्येंद्र यादव गुरुवार को पीसीसी दफ्तर पहुंचे और कामकाज शुरू किया। सत्येंद्र यादव ने ZEE MPCG से बातचीत में कहा कि 'मैं भाजपा में नहीं जा सकता। सेवादल की पूरी टीम कांग्रेस के लिए उपचुनाव में जुटी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भाजपा में घुटन महसूस कर रहे हैं। सिंधिया इन दिनों किसी से मुलाकात नहीं कर रहे हैं। वह भाजपा में परेशान होकर जल्द ही कांग्रेस में वापसी करेंगे।''