Coronavirus effect पर सोनिया गांधी के साथ तय होगी रणनीति

Migrant workers के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी और समाधान निकालने की विपक्ष साझा रणनीति बनाने पर करेगा विचार

Publish: May 22, 2020, 10:20 PM IST

Photo courtesy : sanjeevni today
Photo courtesy : sanjeevni today

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की अध्यक्षता में शुक्रवार को देशभर के विपक्षी दलों की मीटिंग होगी। बैठक का आयोजन प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर है जिसमें तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरने की और एक सुगम समाधान निकालने की साझा रणनीति बनाने को लेकर चर्चा करेंगे। बैठक में देशभर की 17 विपक्षी पार्टियों ने शामिल होने पर सहमति जताई है वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्य विपक्षी दल सपा और बसपा के शामिल होने पर शंका बनी हुई है।

Click  बीजेपी में महाराज हुए गरीब?

कांग्रेस पार्टी द्वारा शुक्रवार शाम तीन बजे बुलाई गई यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएगी। इसमें 20 से ज्यादा नेताओं के शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। बैठक में महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, डीएमके नेता एमके स्टालिन और एनसीपी से शरद पवार शामिल होंगे। इसके अलावा कम्युनिस्ट पार्टी से सीताराम येचुरी, आरएलडी से अजित सिंह समेत एचडी देवगौड़ा व फारुख अब्दुल्ला भी शामिल होंगे।

Click  श्रम और मंडी कानून में बदलाव तुरंत रद्द करें: दिग्विजय सिंह

हालांकि उत्तरप्रदेश के मुख्य विपक्षी दल सपा व बसपा से किसी नेता के शामिल होने की संभावनाएं नहीं हैं। उन्होंने बैठक में शामिल होने को लेकर अबतक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। कहा जा रहा है कि इसका कारण प्रियंका गांधी का उत्तरप्रदेश में सक्रिय होना हो सकता है। बैठक में अरविंद केजरीवाल भी शामिल नहीं होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक आम आदमी पार्टी को बैठक में सम्मिलित होने का निमंत्रण नहीं मिला है।

कोरोना संक्रमण के दौरान विपक्षी दलों की यह पहली बैठक है इसलिए इसे अहम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस दौरान केंद्र सरकार को संयुक्त रूप से घेरने की रणनीति पर चर्चा किया जाएगा। इसमें मुख्यतः 20 लाख रुपए के आर्थिक पैकेज की असलियत, प्रवासी मजदूरों की समस्या, महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों और लॉकडाउन से देश पर पड़ रहे प्रभाव शामिल हैं। यह बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रहा है क्योंकि पहली बार लेफ्ट, टीएमसी व शिवसेना जैसे दल किसी मुद्दे पर बैठक में हिस्सा लेंगे।