बीजेपी में महाराज हुए गरीब?
उधार पर उपकार का फल प्राप्त करने की जुगत

वे महाराज हैं। जनता उन्हें अपना संरक्षक मानते हुए ‘श्रीमंत’ का संबोधन देती है। उम्रदराज बुजुर्ग हों, युवा हों, महिलाएं हो या बच्चे, सभी उनके सम्मान में झुक जाते हैं। वे महाराज है मगर वे कहते हैं विलासित उन्हें रास नहीं आती और वे जनता की सेवा के लिए राजनीति में हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कई बार यह कहा भी है। कोरोना आपातकाल में वे भी लोगों की सहायता में जुटे हैं। उन्होंने दर्जनों बार ट्वीट कर कहा है कि संक्रमण से घरों में कैद हुए गरीबों, सड़कों पर उतरे प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए सिंधिया फाउंडेशन के माध्यम से जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है। मगर अब खुलासा हुआ है कि जो राशन सामग्री सिंधिया फाउंडेशन की बता कर बांटी जा रही है वह तो वास्तव में रिलायंस फाउंडेशन की है! सवाल पूछे जा रहे हैं क्या बीजेपी में जा कर महाराज गरीब हो गए हैं कि उन्हें रिलायंस फाउंडेशन की सामग्री अपने नाम से बांटनी पड़ रही है? अपनी परंपरागत सीट पर सवा लाख वोटों से लोकसभा चुनाव हारने वाले श्रीमंत गरीबों के लिए उधार की सेवा क्यों कर रहे है? क्या रिलायंस फाउंडेशन की सामग्री पर अपनी फोटो चिपका कर बांटना उनकी राजनीतिक मजबूरी हो गई है?
मंदसौर में किसानों की पुलिस द्वारा हत्या के बाद शिवराज सरकार के खिलाफ 14 जून 2017 को भोपाल में 72 घंटें का अनशन करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक नया चेहरा सामने आया था। मीडियाकर्मियों से मुलाकात के दौरान उनकी पुरानी टीशर्ट पर सवाल हुए तो उन्होंने कहा था कि वे लक्जरी में नहीं सादगी में रहना पसंद करते हैं। तब छवि बनी थी कि वे महाराज कहे जाते हैं मगर गरीबों का दर्द समझते हैं। फिर अपनी मातृ पार्टी कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी का दामन थामने समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि मेरा मानना है कि हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए और राजनीति उस लक्ष्य की पूर्ति करने का एक माध्यम होना चाहिए। मैंने पिछले 18 सालों में भारतीय कांग्रेस पार्टी के जरिए पूरी श्रद्धा के साथ प्रदेश और देश की सेवा करने की कोशिश की. लेकिन अब मन दुखी है। सिंधिया ने अपनी राजनीति का उद्देश्य सेवा कार्य ही बताया है।
Jyotiraditya Scindia: I can say with confidence that the aim of public service is not being fulfilled by that party (Congress). Besides this, the present condition of the party indicates that it is not what it used to be. pic.twitter.com/AGTK1zZwbe
— ANI (@ANI) March 11, 2020
बीजेपी में शामिल होने के बाद से सिंधिया कोरोना के कारण गहरा रहे संकट के दौरान सेवा करने का संदेश देते रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना संकट के इस समय अपने-अपने क्षेत्र में जरूरतमंद परिवारों की मदद कीजिये, यही सच्ची जनसेवा है। 21 अप्रैल को किए ट्वीट में सिंधिया ने लिखा है कि खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो दो। नर सेवा नारायण सेवा ग्वालियर में सिंधिया फाउंडेशन के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर जरूरतमंद लोगो तक लगातार खाना पहुंचाने का पुनीत कार्य जारी है।
"खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो दो।" : नर सेवा नारायण सेवा
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) April 20, 2020
ग्वालियर में सिंधिया फाउंडेशन के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर जरूरतमंद लोगो तक लगातार खाना पहुंचाने का पुनीत कार्य जारी है। pic.twitter.com/6RNKucJweA
केवल सिंधिया ही नहीं पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया जैसे सिंधिया समर्थक नेता भी सामग्री वितरण को नर सेवा, नारायण सेवा कह कर प्रशंसा बटौर रहे हैं।
#ScindiaFoundation द्वारा गुना एवं बमौरी के जरूरतमंद नागरिकों के लिए 2000 राशन के पैकेट उपलब्ध करवाये जो मेरे द्वारा जिला प्रशासन को वितरण हेतु सौंपे गए।इस अवसर पर @BJP4MP के वरिष्ठ नेतागण भी उपस्थित थे।'नर सेवा, नारायण सेवा'को चरितार्थ करते @JM_Scindia को कोटि कोटि धन्यवाद। pic.twitter.com/QtV616dxxt
— MahendraSSisodia (@OfficeGovt) May 1, 2020
इन सारे कार्यों ने सिंधिया की एक अलग छवि बनाई। कई लोग मानते हैं कि वे राजनीति नाम चमकाने के लिए नहीं करते हैं। समर्थक अपने श्रीमंत द्वारा किए जा रहे इन कार्यों से प्रसन्न थे मगर एक खुलासे ने समर्थकों को झटका दिया है। खुलासा हुआ कि जिस सेवा को कर सिंधिया अपनी पीठ थपथपा रहे थे वह तो उधार की है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए खुलासे में बताया गया कि जिस सामग्री को सिंधिया फाउंडेशन की बता कर बांटा जा रहा है वह तो वास्तव में रिलायंस फाउंडेशन की है। सिंधिया का फोटो लगा कर राहत सामग्री बांटने पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि क्या महाराज इतने गरीब हो गए हैं कि दूसरों की दी सामग्री पर अपना नाम चस्पा कर गरीबों को बांट रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि कितना शर्मनाक है जिस राशन को सिंधिया फ़ाउंडेशन का बताकर गुना-ग्वालियर क्षेत्र में बाँटा जा रहा है, वह वास्तव में रिलायंस फाउंडेशन का है? रिलायंस फ़ाउंडेशन का स्टिकर हटाकर खुद का फ़ोटो लगाया जा रहा है। ये है जनसेवको की हक़ीक़त...।
कितना शर्मनाक है जिस राशन को सिंधिया फ़ाउंडेशन का बताकर गुना-ग्वालियर क्षेत्र में बाँटा जा रहा है , उसकी वास्तविकता यह है कि वह रिलायंस फ़ाउंडेशन का है ?
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) May 8, 2020
रिलायंस फ़ाउंडेशन का स्टिकर हटाकर खुद का फ़ोटो लगाया जा रहा है।
ये है जनसेवको की हक़ीक़त... pic.twitter.com/3AQUzI4KGy