IIMC : संजय द्विवेदी महानिदेशक नियुक्त

वर्तमान में मध्यप्रदेश में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति हैं संजय द्विवेदी

Publish: Jul 02, 2020, 04:53 AM IST

राजधानी दिल्ली स्थित देश के शीर्ष पत्रकारिता संस्थाओं में शुमार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन को नया महानिदेशक मिल गया है। बुधवार को कार्मिक मंत्रालय ने आदेश जारी कर प्रोफेसर संजय द्विवेदी को भारतीय जनसंचार संस्थान का डीजी नियुक्त किया है। द्विवेदी को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा सीधी भर्ती के आधार पर अगले तीन वर्षों के लिए आईआईएमसी में नियुक्ति की मंजूरी दी गयी है। आरएसएस के नजदीकी माने जाने वाले द्विवेदी फिलहाल भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति का दायित्व संभाल रहे हैं। 

 

भारतीय जनसंचार संस्थान (दिल्ली) के पूर्व महानिदेशक केजी सुरेश का कार्यकाल खत्म होने के बाद लंबे समय से महानिदेशक का पद खाली थी। ऐसे में काफी समय से अटकलें लगाई जा रही थी कि संजय द्विवेदी को बतौर डीजी नियुक्त किया जाएगा। चूंकि द्विवेदी संघ के काफी नजदीकी माने जाते हैं इस वजह से मध्यप्रदेश में साल 2018 में बीजेपी सरकार जाने के बाद उन्हें कुलसचिव के पद से विमुक्त कर दिया गया था। इसके बाद द्विवेदी पिछले एक साल से आईआईएमसी जाने के जुगत में लगे थे। वहीं मार्च में एक बार फिर से शिवराज की सरकार आते ही उन्हें पहले कुलसचिव फिर कार्यकारी कुलपति का पद दिया गया था। कोरोना संकट के दौरान एमसीयू के कुलपति का पद दिए जाने के कारण द्विवेदी विवादों के केंद्र में थे। 

जानें कौन हैं संजय द्विवेदी ? 

द्विवेदी फिलहाल भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति हैं। इसके पहले वे विश्वविद्यालय में कुलसचिव और जनसंचार विभाग में विभागाध्यक्ष रह चुके हैं। माना जाता है कि राइट विंग आइडियोलॉजी रखने वाले द्विवेदी संघ के बेहद नजदीकी हैं। उन्हें लगभग 15 वर्षों का सक्रिय पत्रकारिता में अनुभव भी है साथ ही वे त्रैमासिक पत्रिका मीडिया विमर्श के कार्यकारी संपादक व मूल्यानुगत मीडिया अभिक्रम समिति इंदौर के अध्यक्ष भी हैं। वह दैनिक भास्कर, हरिभूमि, नवभारत, स्वदेश, इंफो इंडिया डॉटकाम और छत्तीसगढ़ के पहले सेटलाइट चैनल जी 24 घंटे छत्तीसगढ़ जैसे मीडिया संगठनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। उन्होंने लगभग 25 किताबों का लेखन व संपादन कार्य भी किया है।