केंद्र सरकार संघीय भावना भूल गई

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि सरकार के पास लॉकडाउन से बाहर आने के लिए कोई रणनीति नहीं है। नोटबंदी और गलत तरीके से लाए गए जीएसटी के वजह से बढ़ा आर्थिक संकट।

Publish: May 23, 2020, 06:05 AM IST

Photo courtesy : the statesman
Photo courtesy : the statesman

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में शुक्रवार को देशभर के विपक्षी दलों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की है। इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि विपक्ष ने इस संकट के दौर में हमेशा केंद्र सरकार का साथ दिया है। यहां तक कि चार घंटे के नोटिस में लॉजडाउन घोषित करने के फैसले का भी समर्थन किया। मगर सरकार संघीय भावना को भूल गई है। सरकार लोकतांत्रिक दिखाई भी नहीं दे रही है। सारा संकट के इस समय भी सारी शक्तियां प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक सीमित हैं। सरकार ने विपक्ष की मांगों को अनसुना कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा करना एक क्रूर मजाक साबित हुआ।
सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को कोरोना महामारी से लड़ाई में हर मोर्चे पर फेल बताया। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण का पहला मामला आने से पूर्व ही देश अर्थव्यवस्था संकट से जूझ रहा था। देशभर में उपजे मंदी के हालातों का कारण कोरोना संक्रमण नहीं है बल्कि यह नोटबंदी और गलत तरीके से लाए गए जीएसटी के वजह से उपजी है। लगातार 7 तिमाही तक अर्थव्यवस्था के गिरते रहने के बाद भी केंद्र सरकार गलत नीतियों को अपनाती रही। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार न तो लॉकडाउन को लेकर आश्वस्त थी न हीं अब इससे बाहर निकलने की कोई योजना है। कोरोना जांच व किट के आयात करने में भी मोदी सरकार पूरी तरह से फेल रही है।
बैठक में 22 विपक्षी दलों के 33 नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक की शुरुआत एमफन तूफान में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देकर की गई। बैठक का उद्देश्य मुख्य रूप से कोरोना संकट के दौरान प्रवासी मजदूरों के हालात व सरकार द्वारा इस संकट से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों और आर्थिक पैकेज पर चर्चा करना था। इस दौरान कई राज्यों की सरकारों द्वारा श्रम कानून में किए गए बदलावों पर भी चर्चा की गई। विपक्षी दलों की इस बैठक को केंद्र सरकार के खिलाफ साझा रणनीति तैयार करने के लिए अहम माना जा रहा है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई इस बैठक में देशभर के 22 राजनीतिक पार्टियों के 33 नेताओं ने हिस्सा लिया। इन नेताओं में राहुल गांधी, टीएमसी से ममता बनर्जी, एनसीपी नेता शरद पवार, जेडीएस से एचडी देवेगौड़ा, शिवसेना से सीएम उद्धव ठाकरे, लेफ्ट पार्टी से सीताराम येचुरी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत अन्य लोग शामिल हुए। इस दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्य विपक्षी दल सपा और बसपा ने हिस्सा नहीं लिया। बैठक में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी शिरकत नहीं की है। बताया जा रहा है कि उन्हें इस बैठक के लिए निमंत्रण नहीं दिया गया था।