छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के मरीजों का आंकड़ा 259 पहुंचा, अब तक 21 की मौत

ब्लैक फंगस के मरीजों में हो रहा इजाफा, अब तक मिले 259 मरीज, 21 की गई जान, मरीजों की संख्या बढ़ने का खतरा, दवाओं की लगातार हो रही कमी

Updated: Jun 07, 2021, 08:15 AM IST

Photo courtesy: Business Standard
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रायपुर। कोरोना के बाद छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस की वजह से मरीजों की जान पर बन आई है। प्रदेश में अब तक 21 मरीजों की मौत इस खतरनाक फंगस की वजह से हो चुकी है। जबकि अब तक कुल 259 मरीज मिल चुके हैं। जिनमें से सबसे ज्यादा दुर्ग जिले से हैं। यहां 67 मरीजों में ब्लैक फंगस संक्रमण मिला है। राजधानी रायपुर में 48, बिलासपुर में 33, रायगढ़ में 21, राजनांदगांव में 16 और जांजगीर-चांपा में 14 मरीजों में फंगल इन्फेक्शन मिला है।   प्रदेश के दो बड़े अस्पतालों रायपुर एम्स और बिलासपुर सिम्स में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है।  

दोनों अस्पतालों में अब तक करीब 110 मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुका है। बढ़ते मरीजों की वजह से यहां ब्लैक फंगस में कारगर दवाओं की कमी होती जा रही है। इसके इलाज में कारगर इंजेक्शन और दवाओं का संकट लगातार गहराता रहा है। ऐसे में बड़े पैमाने पर यहां ब्लैक फंगस की दवा को जरूरत पड़ रही। प्रदेश में इसकी दवा की 50 प्रतिशत ही  आपूर्ति की जा रही है। रायपुर एम्स प्रबंधन की मानें तो रोजाना ब्लैक फंगस के इलाज के लिए करीब 500 वायल दवाओं की जरूरत है। लेकिन प्रदेश में मजह 250 वायल दवाएं मिल पा रही हैं।

इस घातक फंगस के इलाज में कारगर दवा का पूरा कंट्रोल प्रशासन के हाथ में है। केंद्र और राज्य से मिली दवाओं के हिसाब से हॉस्पिटल्स को मुहैया करवाया जा रहा है। दरअसल कोरोना से रिकवर हुए मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा है। वहीं कुछ जगहों पर बिना कोरोना संक्रमण के भी ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं। हाल ही में बिलासपुर के एक डॉक्टर की मौत ब्लैक फंगस की वजह से हो गई थी।