छत्तीसगढ़ में रामायण महोत्सव शुरू, सीएम बघेल ने कहा, कण-कण में रचे बसे हैं भगवान राम

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ, देश के 12 राज्यों के अलावा इंडोनेशिया और कंबोडिया की मानस मंडलियां प्रस्तुतियां देंगी।

Updated: Jun 01, 2023, 07:18 PM IST

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ किया। तीन दिवसीय रामायण महोत्सव के शुभारंभ हनुमान चालीसा पाठ के साथ किया गया। इस रामायण महोत्सव में मध्य प्रदेश, झारखंड समेत 12 राज्यों और इंडोनेशिया व कंबोडिया की मानस मंडली अरण्य कांड पर प्रस्तुति देंगी। रामायण महोत्सव शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान राम छत्तीसगढ़ के कण-कण में रचे बसे हैं।

कार्यक्रम के मंच से सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति को देश में पहचान दिलाने के मकसद से राम वन गमन पथ निर्माण, माता कौशल्या महोत्सव के बाद रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। भगवान राम ने 14 साल के वनवास में 10 साल छ्त्तीसगढ़ में गुजारे थे। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में भगवान राम बसे हैं। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की जन्मस्थली होने की वजह से भगवान राम को छत्तीसगढ़ के लोग भांजा बोलते हैं और भांजे के चरण स्पर्श की परंपरा है।' 

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव को लेकर मीडिया से बात करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, 'भाजपा के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि राम तो आदि और अंत दोनों हैं। छत्तीसगढ़ से उनका विशिष्ट नाता है। वे कौशल्या के राम हैं, वे शबरी के राम हैं। हम उन्हें अनेक रूपों में देखते हैं। पूजते हैं और स्मरण करते हैं। दुख में सुख में सबमें हम राम का स्मरण करते हैं।' इस आयोजन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीतिक संदेश दिया है कि भगवान राम किसी विशेष पार्टी के नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस भी भगवान राम की राह पर है। 

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर आयोजित इस महोत्सव में अरण्य कांड पर आधारित रामकथा की प्रस्तुति राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय दलों द्वारा होगी। अरण्य कांड तुलसीदास कृत रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण का ऐसा हिस्सा है जिसमें भगवान श्रीराम के वनवास के दिनों का वृतांत है जिसमें माता सीता और भ्राता लक्ष्मण ने भी उनके साथ वनवास किया था। आम जनता में भी महोत्सव को लेकर गजब का उत्साह नजर आ रहा है। आयोजन की सबसे खास बात यह है कि इसकी थीम रामायण के अरण्य कांड पर आधारित है। इसके चलते मंच को भी अरण्य कांड की थीम पर ही सजाया गया है।