Boycott China: विरोध के बीच चीन का ICICI बैंक में निवेश

Chinese Investment: मार्च में चीन की बैंक ने HDFC में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी, विशेषज्ञों ने नए निवेश को भारत के लिए नहीं मान रहे खतरा

Updated: Aug 19, 2020, 05:59 AM IST

Photo Courtesy: The Week
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नई दिल्ली। देश में बनी चीन विरोधी भावना, केंद्र सरकार द्वारा कई चीनी एप को बैन करने और कई प्रोजेक्ट के ठेके चीनी कंपनियों से वापस ले लेने के बीच अब चीन के बैंक (पीपल्स बैंक ऑफ चाइना) ने आईसीआईसी बैंक में निवेश किया है। इससे पहले भी इस बैंक ने मार्च में एचडीएफसी बैंक में अपनी हिस्सेदारी एक प्रतिशत बढ़ा दिया था। तब हुए हंगामे के बाद केंद्र सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेश नियम कड़े कर दिए थे, ताकिन चीन और अन्य पड़ोसी देश आसानी से निवेश ना कर पाएं।

बताया जा रहा है कि चीन का पीपल्स बैंक आईसीआईसी बैंक में के उन 357 संस्थागत निवेशकों में शामिल है जिन्होंने हाल ही में आईसीआईसी बैंक में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इन संस्थागत निवेशकों में म्युचुअल फंड और बीमा कंपनियां मुख्य रुप से शामिल हैं। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने आईसीआईसी बैंक में 15 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी खरीदी है। बताया जा रहा है कि आईसीआईसी बैंक का 15,000 करोड़ रुपये का निवेश इकट्ठा करने का उद्देश्य पिछले सप्ताह ही पूरा हो चुका है।

आईसीआईसी बैंक में यह निवेश क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट ऑफर के जरिए हुआ है। इस ऑफर के तहत पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के अलावा मॉर्गन इनवेस्टमेंट, सोसाइटे जनराले और सिंगापुर सरकार जैसे विदेशी निवेश भी शामिल हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के बैंक के इस निवेश से भारत को कोई खतरा नहीं है और वहीं चीन अब यूरोपीय एवं अमेरिकी बाजारों के अलावा भारत में भी निवेश कर रहा, जिसे इन विशेषज्ञों ने फायदेमंद बताया है।