Lockdown में ज्यादा बिके BS4 वाहन, Supreme Court ने राहत वापस ली

Supreme Court : लॉकडाउन में वाहनों की बिक्री पर नजर, कोर्ट ने कहा देखना होगा कि लॉकडाउन के दौरान वास्तविक खरीदी हुई या नहीं

Publish: Jul 12, 2020, 09:54 PM IST

चौंकानेवाला तथ्य सामने आया है कि लॉकडाउन में पूरा देश कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सरकारी आदेशों का पालन कर रहा था, तब देश के कारों की बिक्री में इज़ाफा हो रहा था। सुप्रीम कोर्ट में ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन की तरफ से दिए गए एफिडेविट में कहा गया है कि उन्होंने March 12 to March 31 के बीच 61,861 गाड़ियां BS4 मानक वाली गाड़ियां बेची। जबकि इस एसोसिएशन से बाहर के लोगों ने भी इस दौरान 72,532 गाड़ियों की बिक्री की।

 

Supreme Court में आटोमोबाइल कंपनियों की तरफ से ये आंकड़ा ७ जुलाई की सुनवाई में पेश किया गया,  इसके बाद कोर्ट ने BS4 वाहनों की बिक्री पर अपने पिछले आदेश को बदल दिया है। कोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिनों तक बिके वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन की कोर्ट में पेश रिपोर्ट में बताया गया कि लॉकडाउन अवधि में अनलॉक अवधि से अधिक वाहन बिके। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च का अपना आदेश वापस ले लिया। इस आदेश मे कोर्ट ने लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन के लिए बीएस 4 मानक वाले वाहनों की बिक्र की अनुमति दी थी।

उच्चतम न्यायालय ने कोरोनोवायरस संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान 31 मार्च के बाद भारत स्टेज-IV (BS-IV) वाहनों की बिक्री के अपने 27 मार्च के आदेश को लेकर दोबारा सुनवाई की। अदालत ने कहा कि ऑटोमोबाइल विक्रेताओं ने उसके निर्देशों का उल्लंघन किया है और लॉकडाउन के दौरान मार्च के अंतिम सप्ताह और 31 मार्च के बाद भी बीएस4 मानक वाले वाहनों की बिक्री की गई। 

अदालत ने कहा कि उसके पहले के आदेश को केवल इस आधार पर पारित किया गया था कि लॉकडाउन के पहले बेचे गए वाहनों का रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाए। लेकिन उसके आदेश का लाभ लॉकडाउन के दौरान अधिक बिक्री करने और 31 मार्च के बाद दस दिनों की अनुग्रह अवधि प्राप्त करने के विकल्प के रूप में नहीं लिया जा सकता है।

अदालत ने कहा है कि वाहनों को डीलरों की संपत्ति माना जाएगा जैसे कि उन्हें बेचा ही नहीं गया हो। और यदि पुनर्विचार होता भी है, तो वो खरीदारों के हक में होगा। अदालत ने कहा कि 31 मार्च के बाद बेचे गए किसी भी बीएस- IV वाहन का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया ऐश्वर्या भाटी को अदालत ने यह सत्यापित करने के लिए कहा है कि प्रस्तुत सूची के अनुसार किन वाहनों के पंजीकरण का विवरण वास्तव में अबतक केंद्र सरकार के ई-वाहन पोर्टल पर डाला गया है। भाटी को पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए अन्य राज्यों की जानकारी को भी सत्यापित करने के लिए कहा गया है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह पंजीकरण के सवाल पर तभी विचार करेगी जब यह प्रमाणित हो जाएगा कि वाहन की जानकारी पहले दायर की गई थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा, "हमें यह देखना होगा कि लॉकडाउन के दौरान लेन-देन वास्तविक था या नहीं।"