सीहोर में किसान सम्मान निधि बांटने में धांधली का आरोप, जांच में हुआ खुलासा

मध्य प्रदेश के सीहोर में पीएम किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा, आयकर दाताओं को भी किसान बताकर दी गई रकम, जांच में सामने आए 7804 मामलों में रक़म वापस करने का नोटिस

Updated: Dec 24, 2020, 10:47 PM IST

Photo Courtesy: Naidunia
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सीहोर। मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बांटने के मामले में भारी धांधली का खुलासा हुआ है। राज्य के सीहोर ज़िले के सात हजार से ज्यादा किसानों को बिना पात्रता के पीएम सम्मान निधि की रकम बांट दी गई। जब प्रशासन ने जमीनी स्तर पर इसकी जांच करवाई तो मामले का खुलासा हुआ है। गौरतलब है कि दो साल पहले किसानों के लिए शुरू हुई इस योजना के तहत किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपए डाले जाते हैं। अब उसकी छठी किस्त किसानों के खातों में डाली जा रही है।

सीहोर जिले में पीएम सम्मान निधि की पहली किस्त एक लाख 71 हजार किसान परिवारों को दी गई थी। जब पहली किस्त जारी की गई थी तब कई किसानों ने कोई दस्तावेज जमा नहीं किए थे। किसानों से दस्तावेज लाने को कहा गया था। किसानों द्वारा जरूरी दस्तावेज जमा नहीं करवाया गया। ऐसे में भुगतान नहीं किया गया। पांचवीं किस्त आने तक 50 फीसदी यानि केवल 82 हजार 247 किसान बचे हैं।

किसानों द्वारा दस्तावेज जमा करने पर उन्हें किस्तों की भुगतान किया जा रहा है। इस बीच भौतिक सत्यापन किया जाने लगा जिसमें करीब 7804 हजार अपात्र किसान मिले हैं। अपात्र किसानों को करीब 5 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। अब प्रशासन ऐसे लोगों को नोटिस जारी कर वसूली करने की तैयारी में है, जिससे जिले के किसानों में हड़कंप मचा हुआ है।

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सीहोर के किसान पोर्टल के अनुसार यहां 2 लाख 63 हजार 142 खाता धारक हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार 3 लाख 19 हजार 433 परिवार अपलोड हुए हैं। इनमें से 1 लाख 73 हजार 80 पात्र परिवार हैं। वहीं इसमें 2 लाख 7 हजार 221 पात्र परिवार के सदस्य हैं।  जिनमें से किसानों को अब तक पहली किस्त के रुप में 1 लाख 71, दूसरी किस्त में 1 लाख 66 हजार, तीसरी किस्त में 1 लाख 59 हजार, चौथी किस्त में 1 लाख 25 हजार, पांचवी किस्त में 82 हजार 247 और छटवीं किस्त में मात्र 22 किसानों को किस्त जारी की गई है।

किसानों के भौतिक सत्यापन के दौरान 7804 किसान अपात्र मिले, कई  आयकरदाताओं को योजना का लाभ दिया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि डाटा और आयकर डाटा का मिलान करने पर पाया गया कि 1920 आयकरदाताओं को योजना का लाभ दिया गया। अब ऐसे लोगों से 1 करोड़ 39 लाख 8 हजार की वसूली होनी है जिसके लिए नोटिस जारी किए गए हैं। 5884 अपात्र किसानों से 3 करोड़ 82 लाख 38 हजार की वसूली होनी है। किसानों को नोटिस मिलने से अब हड़कंप मच गया है।

जिन किसानों को  नोटिस मिला है उनका कहना है कि जितनी राशि मिली नहीं उससे ज्यादा राशि जमा करने का नोटिस प्रशासन की ओर से भेज दिया गया है। जिससे किसान परेशान हैं। वहीं कई ऐसे किसान हैं जिनके पास कहने को तो ज्यादा जमीन है, लेकिन उनकी फसल खराब हो जाने की वजह से कोई आमदनी नहीं हुई है। बावजूद इसके इनसे वसूली की जा रही है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पीएम सम्मान निधि योजना की शुरुआत गरीब किसानों को आर्थिक लाभ देने के लिए की थी। साल 2018 से किसान सम्मान निधि के तहत दो-दो हजार रुपये की छह किस्तें मिल चुकी हैं। हर गरीब किसान के खातों में 12,000 रुपये केंद्र सरकार जमा करवा चुकी है। तीन किस्तों में किसानों को यह रकम दी जाती है।

इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान के नाम खेती वाली जमीन होना जरूरी है। इस योजना का लाभ सरकार के वर्तमान कर्मचारी या रिटायर्ड कर्मचारी नहीं ले सकते हैं। वहीं पूर्व सांसद, मंत्री समेत वो सभी लोग इसके पात्र नहीं हैं जो 10 हजार रुपये से अधिक की पेंशन पाते हों। लेकिन कागजों में गड़बड़ी करके बड़ी संख्या में लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। केंद्र सरकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में किसानों को 4 हजार रुपए मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में दिए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में किसानों को सालाना 10 हजार रुपए दिए जाते हैं।