सुप्रीम कोर्ट में आज होगी मप्र में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई, सरकार पेश करेगी जवाब
मध्य प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सरकार अपना पक्ष रखेगी कि इससे 50% आरक्षण सीमा का उल्लंघन नहीं होगा। 2019 में बढ़ाया गया आरक्षण अब तक कोर्ट की रोक के कारण लागू नहीं हो सका है।

भोपाल| मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 14% से बढ़ाकर 27% आरक्षण देने के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। इससे पहले 25 जून को अदालत ने राज्य सरकार को 4 जुलाई तक इस मसले पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार आज यह स्पष्ट करेगी कि 27% ओबीसी आरक्षण लागू करने से आरक्षण की कुल सीमा संविधान द्वारा तय 50% के दायरे से बाहर नहीं जाएगी।
वर्ष 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में कानून पारित कर ओबीसी आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया था, जिससे प्रदेश में कुल आरक्षण का आंकड़ा 63% तक पहुंच गया था। हालांकि इस फैसले पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, खासकर पीजी मेडिकल एडमिशन में इसे लागू नहीं किया गया। बाद में इस मामले की सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गईं।
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फिलहाल राज्य में भर्ती प्रक्रिया 87:13 के पुराने फार्मूले पर ही चल रही है। जब तक सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला नहीं देता, तब तक नया आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता। आज अदालत यह तय करेगी कि क्या 27% ओबीसी आरक्षण लागू करने से 50% की संवैधानिक सीमा का उल्लंघन होता है या फिर इसे वैध मानते हुए तत्काल लागू किया जा सकता है।