CM भूपेश बघेल का आरोप केंद्र सरकार DAP उपलब्ध नहीं करवा रही, किसानों को वर्मी कंपोस्ट उपयोग करने की दी सलाह

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रासायनिक खाद की कमी से निपटने के लिए केंचुआ खाद को बेहतर विकल्प बताया, बोले मृदा स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, इससे धरती की उवर्रा शक्ति बढ़ेगी, किसानों को अच्छी फसल मिलेगी, किसानों से पशुओं को खुले में ना छोड़ने की अपील

Publish: Dec 06, 2021, 05:43 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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रायपुर। देश समेत छत्तीसगढ़ के किसानों को भी केंद्र की ओर से DAP खाद नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल पा रही है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार किसानों को खाद की आपूर्ति नहीं कर पा रही है। जिससे आगे चलकर खेती का कार्य प्रभावित हो सकता है। उन्होंने किसानों के चेताते हुए कहा है कि भविष्य में DAP की आपूर्ति में परेशानी की स्थिति निर्मित हो सकती है। मुख्यमंत्री ने किसानों को खाद की परेशानी से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करने की सलाह दी है। वर्मी कंपोस्ट याने केंचुआ खाद से किसान अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं।

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने वर्मी कंपोस्ट केमिकल खाद डाई अमोनियम फास्फेट DAP से ज्यादा बेहतर विकल्प है। मुख्यमंत्री का कहना है कि वर्मी कंपोस्ट के उपयोग से मृदा स्वास्थ्य में सुधार होगा। जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। केंद्र से खाद नहीं मिलने से भविष्य में रासायनिक खाद की आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर किसान अच्छी फसल ले सकते हैं। वहीं सीएम ने किसानों और पशुपालकों से अपने पशुओं को खुले में नहीं छोड़ने की अपील की। उनका कहना है कि पशुओं को घरों के बाड़े या गांव के गौठान में रखा जाए, जिससे फसलों को बचाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदूषण और धुएं से निपटने के लिए किसानों को पैरा नहीं जलाने की अपील की है। उसका उपयोग पशुओं के चारे के रूप में करने की अपील की है। प्रदेश में गोधन न्याय योजना से करीब दो लाख ग्रामीण और पशुपालक किसानों का लाभ हो रहा है। प्रदेश से 88 हजार 127 भूमिहीनों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। पशुपालकों से गोबर खरीदकर 114 करोड़ रुपये दिए गए हैं। प्रदेश में इस योजना के तहत 81 करोड़ रुपये के वर्मी कंपोस्ट का विक्रय किया जा चुका है।

प्रदेश के गोठानों में तैयार वर्मी कंपोस्ट विक्रय मूल्य और परिवहन लागत तय करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। उन्होंने वर्मी कंपोस्ट के विक्रय से मिलने वाली राशि और लागत के अंतर की राशि गोठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में देने की घोषणा की है।

प्रदेश के गोठानों द्वारा करीब 14 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट तैयार की गई है, जिसमें से नौ लाख क्विंटल का विक्रय किया जा चुका है। अब तक राज्या में करीब 81 करोड़ रुपये की वर्मी कंपोस्ट का विक्रय हो चुका है। गोठान समितियों को 19 से 20 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। गोठानों से जुड़ी 9,321 महिला स्व-सहायता समूहों की 67 हजार महिलाओं को करीब 48 करोड़ 20 लाख रुपये की आमदनी हो चुकी है।