MP में खाद की कालाबाजारी बढ़ाने वाला निर्णय

अब प्रदेश में खाद बिक्री का 55 फीसदी सहकारी समितियों और 45 फीसदी निजी क्षेत्रों के माध्यम से किया जाएगा।

Publish: May 31, 2020, 05:46 AM IST

Photo courtesy : dawn
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खाद बिक्री को लेकर मध्‍य प्रदेश में शिवराज सरकार द्वारा लागू किए गए नए प्रावधान की पूर्व मुख्यममंत्री कमलनाथ ने आलोचना की है। कमलनाथ ने शिवराज सरकार द्वारा खाद बिक्री की प्रक्रिया में निजीकरण को बढ़ावा देने की आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य सरकार फैसले को वापस ले।

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश में खाद बिक्री के फार्मूले को बदलने जा रही है। अब प्रदेश में खाद बिक्री का 55 फीसदी सहकारी समितियों द्वारा किया जाएगा तो वहीं 45 फीसदी निजी क्षेत्रों के माध्यम से किया जाएगा। जबकि प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने खाद की 80 फीसदी बिक्री सहकारी समितियों के द्वारा तथा 20 फीसदी निजी क्षेत्रों के माध्यम से करने का निर्णय किया था। लेकिन शिवराज सरकार ने इस फैसले को बदलने का फैसला किया है।

 

सरकार का निर्णय किसान विरोधी

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार का यह निर्णय पूर्णतः किसान विरोधी है। कमलनाथ ने कहा कि सरकार के इस फैसले से खाद की कालाबाजारी बढ़ेगी। इसके साथ ही आगामी खरीफ सीज़न में किसानों को खाद के संकट के साथ साथ कालाबाजारी का सामना करना पड़ेगा।

अपने व्यापारियों को फायदा पहुंचाना चाहती है सरकार

शिवराज सरकार ने खाद बिक्री की प्रक्रिया में 45 फीसदी निजीकरण करने का फैसला किया है। राज्य में पहले खाद की 80 फीसदी बिक्री सहकारी समितियों द्वारा किया जाता था लेकिन अब सहकारी समितियां केवल 55 फीसदी खादों की ही बिक्री करेंगी। वहीं निजी क्षेत्रों के हाथों में 45 फीसदी खाद बिक्री बागडोर चली जाएगी। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की भाजपा सरकार पर यह आरोप लगाया है कि सरकार ने यह कदम भाजपा समर्थित व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया है।