Kisan Dandi Yatra: किसानों ने भोपाल तक की दांडी यात्रा, राज्यपाल से गुहार

Kisan Congress: केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों को वापस लेने की मांग, नर्मदा में बाढ़ के प्रोटोकाल का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की मांग

Updated: Sep 13, 2020, 06:13 AM IST

भोपाल। किसानों की मांगों को लेकर हरदा से आरंभ हुई किसान दांडी यात्रा का शनिवार को राजधानी में समापन हो गया। किसान विरोधी अध्यादेश के खिलाफ हरदा जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में निकाली गई इस पद यात्रा की शुरुआत 9 सितंबर को हुई थी। किसान दांडी यात्रा यात्रा केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर थोपे गए तीन अध्यादेशों सहित विभिन्न मांगों को लेकर थी।

यह किसान दांडी यात्रा हंडिया, नेमावर, गोपालपुर, नसरुल्लागंज, सतराना से होते हुए भोपाल पहुंची है। इस पद यात्रा के दौरान किसान यात्रा में शामिल किसान नेताओं ने गांव-गांव में अध्यादेशों के प्रति किसानों को जागरूक भी किया। समापन के मौके पर हरदा जिले के किसानों ने किसान विरोधी अध्यादेश के खिलाफ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने वालों में किसान नेता केदार शंकर सिरोही, हरदा से आए लक्ष्मीनारायण पंवार, हेमंत टाले, प्रदेश अध्यक्ष राजीव गांधी पंचायत राज संगठन, बद्री प्रसाद पटेल शामिल थे। 

किसानों की मांग है कि कृषि और किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों किसान विरोधी अध्यादेशों, मंडियों का निजीकरण, खेती का निजीकरण (कम्पनी खेती) और आवश्यक वस्तु अधिनियम) को वापस लिया जाए। सभी फसलो की खरीदी समर्थन मूल्य (MSP) पर सुनिश्चित की जाए। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए कैबिनेट निर्णय का लाभ तुरंत किसानों को दिया जाए। जैसे पिछले वर्ष नुकसानी की 75% शेष राहत राशी,फसलों का भावान्तर भुगतान की राशी, कर्जमाफी और गेंहू का बोनस ।

इस वर्ष प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसानी की भरपाई हेतु RBC 6-4 के तहत 40 हजार प्रति हेक्टयर राहत राशी दी जाए,इस वर्ष के गेंहू का बोनस दिया जाए एवं सरकार द्वारा मुंग फसल की MSP पर खरीदी की घोषणा उपरांत खरीदी नही होने से हुए नुकसान की भरपाई हेतु भाव के अंतर की राशि दी जाए। 

अमानक आदानों (खाद,बीज,दवाई) के कारण हुए किसानों के आर्थिक नुकसान की भरपाई कम्पनियों द्वारा की जाए और कम्पनियों पर कठोर एक्शन लिया जाए। गोशाला में गोपालन के खर्च में की गई कटौती के निर्णय को बापस लिया जाए एवं आवारा पशुओं से फसल बचाव के उचित कदम उठाये जाए।

हरदा जिले की चौकड़ी समिति में चना खरीदी में हुए घोटाले की निष्पक्ष जाँच कर दोषी अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए एवं किसानो का पूर्ण भुगतान तुरंत किया जाए और  MSP पर खरीदी किए गए चने की गुणवत्ता का परिक्षण समस्त किसान संगठनो के समक्ष की जाए। इस वर्ष जिन किसानों का प्रीमियम सभी बैंक द्वारा काटा गया है, उतने खातों में पूर्ण राशी बिना एरिया फैक्टर के दी जाए।

 वर्षा के कारण मुंग फसल की नुकसानी,सोयाबीन की फसल बुबाई नही होने के कारण नुकसानी और बुबाई के बाद ख़राब हुई फसल की भरपाई RBC 6-4 के तहत दी जाए।  सहकारी बैंक में किसानों को नगद ऋण दिया जाए,वर्तमान फसल बीमा की शत प्रतिशत राशि नगद दी जाए एवं आगामी फसल हेतु खाद बीज दवाई रियाती दरों पर उपलब्ध हो।

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खरीफ फसलें मक्का सोयाबीन उड़द मूंग कपास आदि फसलों को एमएसपी पर खरीदी जाए। पिछले दिनों नर्मदा नदी में अचानक बाढ़ आने के कारण जन धन हानि हुई है, क्योंकि प्रशासन द्वारा नर्मदा नदी एवं सहायक नदियों बने हुए बांधों के गेट खोलने में प्रोटोकाल का पालन नहीं हुआ। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के लोगों को समय पर सूचित नहीं किया गया है। गेट खोलने के प्रोटोकॉल पालन किया गया और सभी स्थानों पर प्रभावित लोगों को समय पर सूचना मिल जाती तो बड़ी हानि से बचा जा सकता था। अतः इसकी उच्च स्तरीय जाँच करा कर दोषियों के खिलाप दंडात्मक कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो।