मोटे अनाज को बढ़ावा दे रही है मोदी सरकार, श्री अन्न के नाम से किया संबोधित
मोटे अनाज के अंतर्गत आठ फसलें शामिल हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने मिलेट मिशन को बढ़ावा देने के लिए अपने साथी विधायकों के साथ मिलेट लंच का आयोजन किया था।

पुराने वक्त में भारतीय लोगों का भोजन रहे मोटे अनाज 'सुपर फूड' के नाम से जाने जाते हैं। मोटे अनाज अत्यधिक पोषक, अम्ल-रहित, ग्लूटेन मुक्त और आहार गुणों से युक्त होते हैं। इसके अलावा, बच्चों और किशोरों में कुपोषण खत्म करने में मोटे अनाज का सेवन काफी मददगार होता है क्योंकि इससे प्रतिरक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
मोटे अनाज के अंतर्गत आठ फसलें शामिल हैं। इसमें ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को मोटा अनाज की फसल कहा जाता है।
इसी के साथ मोदी सरकार मोटे अनाज़ के प्रमोशन में लग गई है। सरकार इसे श्री अन्न का नाम देकर संबोधित कर रही है, कुछ दिन पहले सभी सांसदों के लिए एक मिलेट्स लंच का आयोजन किया गया जिसमें प्रधानमंत्री सहित सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने विशेष व्यंजनों का स्वाद चखा। देश के लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने साथी विधायकों के साथ मिलेट्स से बना विशेष भोजन कर रहे हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने मिलेट मिशन को बढ़ावा देने के लिए अपने साथी विधायकों के साथ मिलेट लंच का आयोजन किया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूसा स्थित आईआरआई कैंपस के सुब्रमण्यन हॉल में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। इसके अलावा श्री अन्न वैश्विक उत्कृष्ट शोध केंद्र का भी शुभारंभ किया है। कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद ही संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया है।
P V Satheesh, one the strongest pillars behind the revive millets campaign, passed away today. He was Director of the Deccan Development Society at Pastapur in Zaheerabad district, Telengana. RIP pic.twitter.com/NzS28EOOMA
— Devinder Sharma (@Devinder_Sharma) March 19, 2023
तेलंगाना मिलेट मैन के नाम से प्रख्यात डेक्कन डेवलपमेंट सोसाइटी (डीडीएस) के संस्थापक पीवी सतीश का 77 साल की उम्र में रविवार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज के दौरान हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
सतीश ने 1983 में ज़हीराबाद क्षेत्र के पिछड़े वर्गों की महिलाओं के जीवन में सुधार के अलावा पारंपरिक फसलों के संरक्षण के लिए ज़हीराबाद में DDS की स्थापना की। पिछले चार दशकों के दौरान डीडीएस ने अपने काम के लिए कई पुरस्कार जीते हैं। डीडीएस महिलाओं ने संयुक्त राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम द्वारा प्रस्तुत भूमध्य रेखा पुरस्कार जीता था।
मिलेट्स (श्री अन्ना) की खेती जहां एक तरफ कम जल के प्रयोग से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहयोगी है, वहीं दूसरी ओर पौष्टिक तत्वों से भी परिपूर्ण है । देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए वरदान है श्री अन्ना ।
मिलेट्स (श्री अन्ना) की खेती जहां एक तरफ कम जल के प्रयोग से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहयोगी है, वहीं दूसरी ओर पौष्टिक तत्वों से भी परिपूर्ण है । देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए वरदान है श्री अन्ना । #IYM2023 pic.twitter.com/pRIVYacJ3d
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 19, 2023बता दें कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया (श्री अन्न ) को लेकर जानकारी दी है की मिलेट्स (श्री अन्ना) की खेती जहां एक तरफ कम जल के प्रयोग से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहयोगी है, वहीं दूसरी ओर पौष्टिक तत्वों से भी परिपूर्ण है । देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए वरदान है।