सरकारी सिस्टम से परेशान किसान ने खेत में लगाई फांसी, पहले कलेक्ट्रेट में किया था खुदकुशी का प्रयास

छिंदवाड़ा में सरकारी सिस्टम ने ली किसान की जान, जमीन के सीमांकन को लेकर पांच साल से चक्कर काट रहा था बुजुर्ग, परेशान होकर लगा ली फांसी

Updated: Feb 17, 2023, 01:42 PM IST

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सरकारी सिस्टम से परेशान एक किसान ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। किसान नरेश पवार ने अपने खेत में फांसी लगाई है। शुक्रवार को उनका शव खेत के एक पेड़ पर लटका मिला। किसान ने सुसाइड नोट में शासकीय अधिकारियों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

दरअसल, छिंदवाड़ा जिला अंतर्गत मोहखेड़ ब्लॉक के नर्सला गांव के निवासी किसान नरेश पावर पिछले पांच सालों से अतिक्रमण और सीमांकन को लेकर तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। प्रशासन के तमाम अधिकारी इस 60 वर्षीय बुजुर्ग किसान की समस्या को टालते रहे। उन्हें बस तारीख पर तारीख मिलती रही। इस दौरान किसान का सब्र का बांध lटूट गया और पिछले उन्होंने कलेक्ट्रेट में जहर पीकर जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की। हालांकि, उस समय उसे समय रहते ईलाज मिल जाने से बचा लिया गया था।

इसके बावजूद अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी। किसान फिर भी अधिकारियों के चक्कर लगाते रहा। आखिरकार परेशान होकर किसान नरेश ने जिस जगह सीमांकन होना था, उसी जगह तड़के सुबह पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का कहना है कि अधिकारी पिता की समस्या का हल कर देते तो आज जीवित होते। अधिकारियों की वजह से ही मेरे पिता ने आत्महत्या की है। 

मृतक के पुत्र संदीप ने बताया कि मेरे पिता सहित चार भाई है। जिनकी कुल 26 एकड़ खेती है। इसी खेती का चार साल पहले बटवारा हुआ है। इस बटवारे से वह असंतुष्ट थे। जिसको लेकर उन्होंने आवेदन किया था। तहसील कार्यालय में प्रकरण विचाराधीन था। इस आवेदन को लेकर पांच साल से लगातार चक्कर काट रहा था। आत्महत्या की यही मुख्य वजह है।