Urea Scam in MP: गोदाम प्रबंधक की पत्नी को दे दिया 1900 बोरी यूरिया

Shivraj Singh Chouhan: नरसिंहपुर में 22 किसानों को दिया 900 टन यूरिया, सीएम शिवराज सिंह ने अफसरों को गिनाई कार्रवाई के लिए धाराएँ

Updated: Aug 27, 2020, 05:45 AM IST

Photo Courtesy: Navbharat times
Photo Courtesy: Navbharat times

भोपाल। मध्यप्रदेश के कई जिलों में एक तरफ जहां किसान यूरिया के लिए तरस रहे हैं, वही नरसिंहपुर के 22 किसानों को 900 मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन कर दिया गया है। गाडरवारा तहसील के सालीचौका में गोदाम प्रबंधक की पत्नी के नाम पर सबसे ज्यादा 1900 बोरी यूरिया आवंटित किया गया। यह खुलासा भारत सरकार के अधिकृत फर्टिलाइजर पोर्टल MFMS पर दिखाए गए आंकड़ों से हुआ है।

इन आंकडों के उजागर होने के बाद कांग्रेस शिवराज सरकार पर आक्रामक हो गई है। कांग्रेस के ट्वीट कर कहा है कि किसानों की जानी दुश्मन शिवराज सरकार ने किसानों को यूरिया के लिये तरसाया और 900 मीट्रिक टन यूरिया का घोटाला कर दिया। कांग्रेस की ओर से लिखा गया है ‘शिवराज जी, आख़िर कितनी भूख है..?’

गोदाम प्रबंधक की पत्नी के नाम पर 1900 बोरी यूरिया आवंटित

गौरतलब है कि MFMS पोर्टल में एक महिला के नाम पर ही 89.100 मीट्रिक टन अर्थात करीब 1900 बोरी यूरिया अलॉट करना दिखाया जा रहा है। वहीं 21 अन्य लोगों के यूरिया की मात्रा मिलाकर कुल 900 मीट्रिक टन से यूरिया दिखाया जा रहा है। खबर है कि नरसिंहपुर के गाडरवारा तहसील के सालीचौका में गोदाम प्रबंधक की पत्नी के नाम पर सबसे  ज्यादा 1900 बोरी यूरिया आवंटित किया गया। बताया जा रहा है कि अब नरसिंहपुर में केवल 1000 मीट्रिक टन यूरिया ही शेष बचा है। यह यूरिया आवंटन एक अप्रैल से 31 जुलाई के मध्य हुआ है जिसमें गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है। इस यूरिया घोटाले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

Click: MP Urea Crisis: यूरिया के लिए सड़क पर किसान, मंत्री कमल पटेल के दावे झूठे

अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में जांच दल गठित

यूरिया विक्री से संबंधित दस्तावेजों के मिलान और किसानों के भू-राजस्व से वेरिफिकेशन कराने के लिए अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में जांच दल गठित हुआ है। जिसमें संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी,जिला विपणन अधिकारी यशवर्धन सिंह, सहायक संचालक कृषि डॉक्टर आनंद पटेल,अनुविभागीय कृषि अधिकारी गाडरवारा और केएस रघुवंशी शामिल हैं। यह जांच दल जल्द ही अपनी रिपोर्ट अपर कलेक्टर को सौंपेगा। इस जांच समिति के सदस्यों को लेकर भी कई सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि इस यूरिया आवंटन में गड़बड़ी के आरोपों में घिरे अधिकारी-कर्मचारी कितनी निष्पक्ष जांच करेंगे। अब इस मामले मे कांग्रेस शिवराज सरकार पर आक्रामक हो गई है। सरकार पर यूरिया घोटाले का आरोप लगाया है।

मंत्रालय में बैठक, कालाबाज़ारी शून्य करने के निर्देश

मुख्यमंत्री का कहना है कि गुड गवर्नेंस में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाशत नहीं होगी। प्रदेश में राशन और खाद्य में कालाबाज़ारी शून्य करने की व्यवस्था करने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही। प्रदेश में कालाबाज़ारी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।  बैठक में अपराधियों पर मुक़दमे दर्ज करने और वाहन राजसात करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बैठक में मौजूद अफसरों को कालाबाजारी से जुड़ी धाराए बताकर कहा कि इन धाराओं के तहत कालाबाज़ारी करने वालो के खिलाफ कार्यवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अपराधियों पर मुक़दमे और वाहन राजसात करने के निर्देश दिए हैं।

Click: MP में खरीफ के पहले किसान को लूटने की तैयारी

इस बैठक में EOW को भी बुलाया गया था। बैठक में शामिल कलेक्टरों से इस बात की जानकारी मांगी गई है कि प्रदेश में अबतक कितने अधिकारी, कर्मचारी सस्पेंड हुए हैं। साथ ही उन्होंने पूछा है कि सस्पेंड अधिकारी कर्मचारी कब बहाल किए गए हैं। उनकी पूरी जानकारी विस्तार से दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो डीलर कालाबाजारी कर रहा है उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। हमने सिस्टम ठीक कर दिया था। खाद्य की कालाबाज़ारी समाप्त हो गई थी, उन्होने कहा कि कालाबाजारी रोकने के  लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग हो

हाल ही में ग्वालियर में एक बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के राशन की कालाबाजारी करने वालों को जेल भेजा जाएगा।