पैरो में लगातार हो रहे दर्द को न करें नज़रंदाज़, हो सकता है इस गंभीर बीमारी का लक्षण

पैरों में दर्द होना एक आम समस्या है जो कई वजहों से हो सकता है लेकिन अगर किसी को लगातार पैरों में दर्द हो तो उसके पीछे गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

Updated: Nov 26, 2023, 11:02 AM IST

Image courtesy - Aaj Tak
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पैरों में दर्द होना एक आम समस्या है जो कई वजहों से हो सकता है लेकिन अगर किसी को लगातार पैरों में दर्द हो तो उसके पीछे गंभीर बीमारी भी हो सकती है। इसलिए इस दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यहां हम आपको पैरों में दर्द की छह वजहें बता रहे हैं। अगर आपको भी लगातार तेज दर्द हो रहा है तो हो सकता है कि आप भी इनमें किसी एक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।

हम कुछ ज्यादा शारीरिक गतिविधि कर लेते हैं तो पैरों में दर्द होता है। हालांकि, कई बार पैरों में दर्द किसी अन्य गंभीर परिणाम की ओर इशारा करता है, जैसे कि दिल की बीमारी। दिल की बीमारी और पैरों में दर्द के बीच एक संबंध है। यह संबंध पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) नामक एक आम स्थिति के कारण है। पीएडी तब होता है जब नसों में प्लेग नमक एक पदार्थ का निर्माण होता है। प्लेग नसों को सिकोड़ या ब्लॉक कर सकती है, जिससे शरीर के विभिन्न भागों में खून का फ्लो कम हो जाता है। जब पैरों में नसें सिकुड़ जाती हैं या ब्लॉक हो जाती है तो इस स्थिति को इसे पेरीफेरल आर्टरी डिजीज कहते हैं। 

पैरों में दर्द और दिल की बीमारी एक ही कारण से होते हैं, वो है नसों का सिकुड़न। यदि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों में एथेरोस्क्लेरोसिस के अधिक व्यापक होने का संकेत हो सकता है। इससे दिल के दौरे और अन्य दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इन स्थितियों का शीघ्र पता लगाना और प्रबंधन दिल संबंधी जटिलताओं के खतरे को काफी कम कर सकता है और समग्र दिल की सेहत में सुधार कर सकता है। 

गठिया

आर्थराइटिस गठिया यानी आर्थराइटिस में हड्डियों के जोड़ों में भयंकर दर्द होता है। यह मुख्य रूप से शरीर के साइनोवियल जॉइंट की सूजन है। जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें टूट-फूट शुरू हो जाती है। साथ ही जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगती है। यह एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग उन बीमारियों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो आपकी हड्डियों या जोड़ों को प्रभावित करती हैं। इससे आपके जोड़ों और उसके आसपास के हिस्से में दर्द और सूजन हो सकती है। यहां तक कि ये आपके लिए चलने-फिरने जैसे रोजमर्रा के कामों को करना भी मुश्किल कर देती है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, हालांकि अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव जैसे व्यायाम और स्वस्थ आहार खाने से इससे आपको मदद मिल सकती है। 

इलेक्ट्रोलाइट्स

इलेक्ट्रोलाइट आपके शरीर को स्वस्थ रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे शरीर के लिए जरूरी प्राकृतिक तत्व होते हैं. जो दिल से लेकर दिमाग और किडनी तक को सुरक्षित रखने का काम करता है। इनकी मदद से ही शरीर के मुख्य अंग अपना काम ठीक तरह से कर पाते हैं। शरीर में इनका असंतुलन गंभीर बीमारियों को दावत देता है। इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन से पैरों में दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन की समस्याएं भी होती हैं। इसके अलावा दस्त, कब्ज, भ्रम, सुस्ती, मतली और सुन्नता जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा इस कंडीशन में व्यक्ति की कई बार हार्ट बीट अनियमित और तेज होने लगती है। 

सायटिका 

सायटिका नस आपकी पीठ के निचले हिस्से से निकलती है और आपके नितंबों और दोनों पैरों तक जाती है। इसमें होने वाले दर्द को ही सायटिका कहते हैं। जब ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी किसी बीमारी की वजह से पैदा हुई बोन स्पुर (हड्डियों के किनारे विकसित होने वाली हड्डी) आपके साइटिका तंत्रिका पर दबाव डालती है तब आपको दर्द होता है। पैरों में दर्द, झुनझुनी और सुन्नता इसके सबसे आम लक्षण हैं। 

पेरिफेरल न्यूरोपैथी 

पेरिफेरल न्यूरोपैथी एक कंडीशन है जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बाहर मौजूद नसों में नुकसान पहुंचने की वजह से होती है. पेरिफेरल (परिधीय) तंत्रिकाओं का उपयोग मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को संदेश भेजने और ले जाने के लिए किया जाता है। मधुमेह सहित परिधीय न्यूरोपैथी के कई कारण हैं। यह पैर की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है और उन्हें सुन्न या कमजोर बना सकता है। 

टेंडोनाइटिस 

टेंडोनाइटिस कंडीशन में मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ने वाले ऊतक में सूजन आ जाती है। मांसपेशियों और हड्डियों को जोड़ने वाले ऊतक जिसे टेंडन कहा जाता है, उसमें सूजन या जलन को टेंडोनाइटिस कहा जाता है। हालांकि यह आपके शरीर के उस हिस्से को प्रभावित कर सकता है जहां टेंडन किसी मांसपेशी और हड्डी को जोड़ती है जिसकी वजह से आपके पैरों में भी दर्द हो सकता है। 

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस बीमारी को वीनस थ्रॉम्बोसिस के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब नसों में खून के थक्के बनने लगते हैं जो आपके खून के प्रवाह को आंशिक या पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकते हैं। यह आमतौर पर टांगों या बाहों में बनते हैं। लेकिन जब लोअर बॉडी में यह ब्लड क्लॉट बनने लगते हैं तो शरीर के निचले हिस्से में खून पहुंचना कम या कई बार बंद हो जाता है जिससे तेज दर्द उठता है। यही वजह है कि डीवीटी से पीड़ित लोगों को अक्सर टांगों में सूजन या दर्द का अनुभव होता है।