ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में हुआ मुक्त व्यापार का करार, जानिए भारत के लिए क्यों अहम है डील
Post Brexit Trade Deal: ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के बीच इस अहम व्यापारिक करार का लंबे अरसे से इंतज़ार हो रहा था, 31 दिसंबर तक यह समझौता नहीं हो पाता तो भारी नुकसान हो सकता था

लंदन। ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के बीच आखिरकार उस बेहद अहम व्यापारिक करार पर सहमति बन ही गई, जिसका लंबे अरसे से इंतज़ार हो रहा था। ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन में 10 महीनों तक चली लंबी बातचीत के बाद ब्रेक्जिट ट्रेड डील पर सहमति बनी है। इसके साथ ही अब ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन के एकीकृत बाज़ार का हिस्सा नहीं रहेगा। लेकिन दोनों पक्षों के बीच जो समझौता हुआ है, उससे उन्हें एक-दूसरे के बाज़ार में ज़ीरो टैरिफ़ और ज़ीरो कोटा के आधार पर कारोबार करने की छूट मिल गई है, जो बहुत बड़ी बात है।
इसे पोस्ट ब्रेक्ज़िट (Post Brexit) यानी ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से बाहर आने के बाद का सबसे महत्वपूर्ण व्याारिक करार कहा जा सकता है। ब्रिटेन के लिए भी और यूरोपीय यूनियन के लिए भी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस समझौते को ब्रिटेन में रहने वाले तमाम लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी बताया है।
The deal is done. pic.twitter.com/zzhvxOSeWz
— Boris Johnson (@BorisJohnson) December 24, 2020
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यूरोपीय यूनियन के साथ ब्रिटेन ने जो मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement or FTA) किया है, वो बेहद ऐतिहासिक है। ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया में पहली बार ज़ीरो टैरिफ़, ज़ीरो कोटे वाला मुक्त व्यापार समझौता किया गया है।
जॉनसन का कहना है कि इस समझौते के जरिए ब्रिटेन ने वो सभी लक्ष्य हासिल कर लिए हैं, जिनके लिए उसने यूरोपीय यूनियन से बाहर आने का फैसला किया था। मिसाल के तौर पर ब्रिटेन को अब अपने बॉर्डर और कारोबार समेत सभी मामलों में अपनी संप्रभुता वापस मिल गई है। अब ब्रिटेन पर यूरोपीय यूनियन की अदालत या किसी अन्य संस्था की तरफ से कोई निगरानी या नियंत्रण नहीं होगा। ब्रिटेन के समुद्री क्षेत्र से लेकर कारोबारी संबंधों तक में किसी बाहरी शक्ति की दखलंदाज़ी नहीं होगी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में भी यही बातें कही गई हैं।
The United Kingdom has agreed a Free Trade Agreement with the European Union.
— UK Prime Minister (@10DowningStreet) December 24, 2020
See what this deal means for you pic.twitter.com/x4DetmQqcO
क्यों अहम है ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन का समझौता
ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन का समझौता न सिर्फ़ उन दोनों के लिए बल्कि बाक़ी दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर 31 दिसंबर 2020 तक दोनों के बीच व्यापारिक समझौता नहीं होता तो इसका न सिर्फ उन पर बल्कि बाकी दुनिया पर भी बुरा आर्थिक असर पड़ सकता था। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से तो इस साल की शुरुआत में ही बाहर आ ही चुका है, लेकिन व्यापारिक नियमों और टैक्सेशन जैसे मामलों में 31 दिसंबर तक पुरानी स्थिति बहाल रहने वाली थी। अगर उससे पहले दोनों के बीच कोई आपसी समझौता नहीं हो पाता, तो उनके कारोबारी संबंधों में भारी उथल-पुथल मचने की आशंका थी। क्योंकि ऐसी हालत में न तो कोई नई व्यवस्था होती और न ही पुरानी सहमति कायम रहती। बहरहाल ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने समय रहते ट्रेड डील करके ऐसी आशंकाओं को दूर कर दिया है।
ब्रेक्जिट से भारत पर क्या होगा असर
ब्रेक्जिट ट्रेड डील के बाद भारत को ब्रिटेन के साथ अलग से मुक्त व्यापार समझौता करने में सफलता मिल सकती है। इससे भारत-ब्रिटेन के बीच आपसी कारोबार को बढ़ावा मिल सकता है। ब्रिटेन एक छोटा देश है, लेकिन उसका बाज़ार काफ़ी अहम है, क्योंकि पुर्तगाल और ग्रीस जैसे कई देशों का कारोबार ब्रिटेन के रास्ते होता है। यही वजह है कि ब्रिटेन के साथ FTA होने पर एक बड़े बाजार तक भारत की पहुंच बढ़ सकती है। यूरोपीय यूनियन के साथ भी भारत ने FTA के लिए काफी प्रयास किए लेकिन उनमें अब तक सफलता नहीं मिल सकी है। लेकिन अब ब्रिटेन के EU से अलग होने का भारत को लाभ मिल सकता है।