अमेरिकी सीनेट में महाभियोग की कार्यवाही शुरू, 6 रिपब्लिकन सांसदों ने नहीं दिया ट्रंप का साथ
अमेरिकी सीनेट ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग चलाने की संवैधानिकता पर लगाई मुहर, 6 रिपब्लिकन सांसदों ने भी महाभियोग को संवैधानिक माना, अब दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएँगी

वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही बीती रात अमेरिकी सीनेट में भी शुरू हो गई। अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका है। ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग की कार्यवाही दूसरी बार चलाई जा रही है। वे अमेरिका के पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं, जिनके ख़िलाफ़ महाभियोग की कार्यवाही चलाई जा रही है।
बीती रात सीनेट में इस बात पर मतदान हुआ कि क्या एक पूर्व राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग चलाना संवैधानिक होगा? अमेरिकी सीनेट ने 56-44 के बहुमत से महाभियोग को संवैधानिक करार देते हुए इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फ़ैसला किया। सबसे अहम बात ये कि इस मतदान के दौरान डेमोक्रेट सांसदों के साथ ही साथ ट्रंप की अपनी रिपब्लिकन पार्टी के भी छह सांसदों ने महाभियोग चलाने को संवैधानिक करार देने के पक्ष में मतदान किया। इसके साथ ही सीनेट में महाभियोग की कार्यवाही आगे बढ़ाने का रास्ता साफ़ हो गया है।
महाभियोग की आगे की प्रक्रिया के तहत अब दोनों पक्षों यानी महाभियोग का समर्थन करने वालों और ट्रंप के वकीलों को सौ सदस्यों वाले सीनेट के सामने अपना-अपना पक्ष रखने के लिए 16-16 घंटे का वक़्त दिया जाएगा। इसके बाद सीनेट में महाभियोग पर मतदान होगा। महाभियोग की प्रक्रिया को संवैधानिक बताने के लिए जिन रिपब्लिकन सांसदों ने अपनी पार्टी के रुख से अलग जाकर मतदान किया है, अगर उन्होंने ट्रंप के महाभियोग का समर्थन कर दिया, तो नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं।
ट्रंप 20 जनवरी को ही राष्ट्रपति पद से हट चुके हैं। ऐसे में उनके ख़िलाफ़ महाभियोग की कार्यवाही का महत्व व्यावहारिक से ज़्यादा सैद्धांतिक और प्रतीकात्मक है। यह प्रक्रिया एक नज़ीर पेश करने के लिए चलाई जा रही है। यह बताने के लिए चलाई जा रही है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों को अमेरिकी संसद पर हमला करने के लिए उकसाकर देश के संविधान का मज़ाक़ बनाया, लोकतंत्र को ख़तरे में डाला और एक ऐसा काम किया, जिसे महाभियोग के समर्थक देशद्रोह की श्रेणी रखते हैं। महाभियोग के तहत ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को पलटने के लिए 6 जनवरी को अमेरिकी संसद भवन हुए हमले को उकसाया और दंगा-फसाद भड़काने का प्रयास किया। सीनेट में महाभियोग की सुनवाई को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी संसद भव (Capitol) के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है।
अमेरिकी इतिहास में इससे पहले राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया तीन बार हो चुकी है। एक बार एंड्रयू जॉनसन के ख़िलाफ़, उसके बाद बिल क्लिंटन के विरुद्ध और फिर पिछले साल ट्रंप के खिलाफ, जिसमें वे बरी हो गए थे। ट्रंप ऐसे इकलौते राष्ट्रपति रहे जिनके ख़िलाफ़ महाभियोग की प्रक्रिया दूसरी बार भी शुरू की गई। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने तो दूसरी बार उनके राष्ट्रपति रहते ही इसे पास भी कर दिया, जबकि सीनेट में अब उनके पद से हटने के बाद यह प्रक्रिया चलाई जा रही है।