अहमदाबाद सिविल अस्पताल कालकोठरी से भी बुरा

इस अस्पताल में 22 मई तक 377 कोरोना मरीजों की जान जा चुकी है.

Publish: May 25, 2020, 01:48 AM IST

गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की दशा ‘दयनीय’ है और यह अस्पताल ‘कालकोठरी जैसा है, यहां तक कि उससे भी ज्यादा बदतर।’

कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन पर स्थिति का जनहित याचिका के रूप में स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति आई जे वोरा की खंडपीठ ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की दशा पर राज्य सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई और कहा कि यह ‘ निराशाजनक और दुखद है।’

इस अस्पताल में कोविड-19 से 22 मई तक 377 मरीजों की जान चली गई जो इस अविध में सभी अस्पतालों में हुई 638 मौतों में एक बड़ा आंकड़ा है।

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अदालत ने कहा, ‘‘ यह काफी निराशाजनक और दुखद है कि आज की तारीख में सिविल अस्पताल की दशा दयनीय है। हम यह कहते हुए दुखी हैं कि आज की तारीख में सिविल अस्तपाल अहमदाबाद बहुत ही बदतर स्थिति में है।’’

खंडपीठ ने कहा,‘‘ जैसा कि हमने पहले कहा कि यह सिविल अस्पताल मरीजों के उपचार के लिए है, लेकिन ऐसा जान पड़ता है कि आज की तारीख में यह कालकोठरी जैसा है या यूं कहें कि उसे भी बदतर। दुर्भाग्य से गरीब और बेसहारा मरीजों के पास विकल्प नहीं है।’’

अदालत ने यह भी पूछा कि क्या राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को तनिक भी भान है कि कि अस्पताल में क्या चल रहा है।

वहीं राज्य की बीजेपी सरकार पर नकली वेंटिलेटरों के आरोप लगे हैं, जिसके कारण राज्य में कोरोना मृत्यु दर बहुत अधिक है। आरोप है कि राज्य के अस्पतालों में धमन-1 नाम के करीब 900 नकली वेंटिलेटर लगे हैं। इनमें से 230 वेंटिलेटर अहमदाबाद सिविल अस्पताल में लगाए गए हैं।

ये वेंटिलेटर राजकोट की ज्योति सीएनसी नाम की कंपनी ने बनाए हैं। कंपनी के सीएमडी पराक्रमसिंह जडेजा गुजरात के मुख्यमंत्री के दोस्त हैं। गुजरात सरकार ने धमन-1 को मेक इन इंडिया के तहत बनाए गए स्वदेशी वेंटिलेटर बताया है। हालांकि, ज्योति सीएनसी का कहना है कि धमन-1 वेंटिलेटर नहीं है और ना ही इसके पास डीसीजीआई का लाइसेंस है।

मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस राज्य में उच्च कोरोना मृत्यु दर को बार-बार इन नकली वेंटिलेर से जोड़ रही है। कांग्रेस का कहना है कि इन कोरोना मरीजों को इन नकली वेंटिलेटर पर रखा जा रहा है और इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

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इन नकली वेंटिलेटर का मामला तब सामने आया था जब अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने धमन-1 के होते हुए भी वेंटिलेटर की मांग की थी। उन्होंने कहा कि मरीज को धमन-1 पर रखन के बाद भी अलग से ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ रही है।