पाकिस्तान पीएम इमरान खान: मैं क्रिकेटर रहा हूँ, आख़िरी गेंद तक पारी खेलता हूं कहकर इस्तीफ़ा देने से किया इनकार

राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान इमरान खान ने कहा कि उनका क़ौम से कमिटमेंट है और वो मुल्क से साज़िश बर्दाश्त नहीं करेंगे.. उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़े के लिए बाहरी मुल्कों के दबाव का ज़िक्र करते हुए कहा कि बाहरी शक्तियाँ जिन्हें दोबारा देश की कमान सौंपना चाहती हैं उनके दाग़ 30 साल से देश की जनता देख रही है

Updated: Mar 31, 2022, 04:23 PM IST

इस्लामाबाद। विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव का सामना कर रहे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की अवाम से अपने दिल की बात की। उन्होंने कहा कि वो देश और कौम के हित की सोचते हैं लेकिन कुछ बाहरी शक्तियां उन्हें और देश को अस्थिर करना चाहती हैं। इसलिए उन पर इस्तीफे का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों के करप्शन और देश के प्रति उदासीनता की भी चर्चा की। अपने लाइव संबोधन में इमरान खान ने कहा कि मैं आखिरी गेंद तक मैदान पर डटा रहनेवाला क्रिकेटर रहा हू, यूं ही नहीं इस्तीफा दूंगा।

इमरान खान ने इस दौरान कहा कि, 'मैं आज अपने दिल की बात करने आया हूं। मुल्‍क अपने इतिहास में एक निर्णायक क्षण में पहुंच गया है। रविवार को पाकिस्तान के लिए फैसले का दिन है। आज मैं आपसे मुल्‍क की मुस्‍तकबिल के बारे में अहम बात करूंगा। हमारे सामने दो रास्‍ते हैं, हमें कौन सा रास्‍ता अख्तियार करना है, इससे पहले आपसे दिल की बातें करूंगा।'

उन्‍होंने आगे कहा कि, 'आजाद लोग ही आत्‍मसम्‍मान का महत्‍व जानते हैं। खुशनसीब हूं कि मैं आजाद पकिस्‍तान में पैदा हुआ। मेरे माता-पिता हमेशा कहा करते थे तुम खुशनसीब हो कि आजाद मुल्‍क में पैदा हुए। उन्‍हें अंग्रेजी हुकूमत से बुरा लगा था। पाकिस्‍तान मुझसे महज पांच साल बढ़ा है। मैं आजादी के बाद पैदा होने वाली मुल्‍क की पहली पीढ़ी से हूं।'

इमरान ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि, 'ये लोग अपना सौदा करके मुल्क का सौदा कर रहे हैं। लोग आपको माफ नहीं करेंगे न ही आपको भूलेंगे। हमेशा के लिए लोग याद रखेंगे कि आपने मुल्क का सौदा किया। एक ऐसे मुल्क का सौदा किया जिसकी फॉरेन पॉलिसी आजाद थी लेकिन इन लोगों ने मुल्क की फॉरेन पॉलिसी को गुलाम बना दिया। ये लोग मौजूदा मीरजाफर हैं। सारी जिंदगी आपको कौम भुलेगी नहीं। ये ऐसे काम कर रहे हैं जिसे कौम की सारी नस्लें भूलेंगे नहीं। जब तक मेरे खून है तब तक मुकाबला करूंगा। मेरा कोई कैंप ऑफिस नहीं है। नवाज शरीफ ने 18 फैक्टरियां बना ली। मेरे पास तो कुछ नहीं है। इस कौम से गद्दारी हो रही है। इसलिए मैं चाहता हूं कि देश के लोग एक-एक गद्दारों की शक्ल याद रखना है।'