Johannesburg: महात्मा गांधी के परपोते सतीश घुपेलिया का कोरोना से निधन

महात्मा गांधी के परपोते सतीश धुपेलिया का कोविड 19 इलाज के दौरान निधन, 3 दिन पहले था 66वां बर्थ डे, मीडिया और समाज सेवा में एक्टिव थे सतीश, बहन से सोशल मीडिया में की निधन की पुष्टि

Updated: Nov 23, 2020, 07:24 PM IST

Photo Courtesy: Newstrack
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जोहान्सबर्ग। महात्मा गांधी के परपोते सतीश धुपेलिया का कोरोना संक्रमण की वजह से दक्षिण अफ्रीका में निधन हो गया है। वे 66 साल के थे। सतीश धुपोलिया को निमोनिया हो गया था, जिसका करीब एक महीने से इलाज हो रहा था। इसी बीच उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण भी हो गया, जिसके चलते उनकी सेहत और बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार उनकी मौत हो गई। उनकी बहन उमा धुपेलिया मेस्थरी ने उनके निधन की पुष्टि की है। वे दक्षिण अफ्रीका में सामुदायिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते थे और गांधी डेवलपमेंट ट्रस्ट से भी जुड़े हुए थे।

सतीश धूपिया का जन्म 19 नवंबर 1954 को हुआ था। शशिकांत धूपेलिया और सीता धूपेलिया उनके माता पिता थे। उनकी दो बहनें उमा और कीर्ति मेनन हैं। तीनों भाई बहन जोहान्सबर्ग में रहते थे। ये मणिलाल गांधी के वंशज हैं, जिन्हें महात्मा गांधी अपने कार्यों को पूरा करने के लिए दक्षिण अफ्रीका में ही छोड़ कर भारत लौट आए थे। सतीष की बहन उमा ने सोशल मीडिया में एक इमोशनल पोस्ट शेयर करके भाई के निधन की खबर दी।

उनका पूरा परिवार दक्षिण अफ्रीका में आज भी महात्मा गांधी की राह पर चलकर समाज सेवा का काम करता है। सतीश धुपेलिया एक वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर के तौर पर मीडिया से भी जुड़े रहे। इसके साथ ही वे जरूरतमंदों की मदद करने के इरादे से सामाजिक कल्याण से जुड़े संगठनों में भी सक्रिय रहते थे।