Border Issue : भारतीय क्षेत्रों पर नेपाल का कब्जा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल ने पहली बार भारत से लगी सीमा पर सेना के जवानों को उतारा है, बांध मरम्मत कार्यों को भी करने से रोका

Publish: Jun 29, 2020, 02:28 AM IST

Photo courtesy : times of india
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भारत और नेपाल के बीच चल रहे सीमा विवाद पर उच्चस्तरीय बातचीत के बाद भी नेपाल ने कई जगह भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा कर अपने झंडे लगा दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल ने दर्जनों नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण कर लिया है वहीं बिहार के वाल्मीकिनगर में सुस्ता क्षेत्र पर पूरी तरह से कब्जा कर भारतीयों के आने जाने पर पाबंदी लगा दी है। नेपाल ने सुस्ता से लगे नरसही जंगल के 14 हजार 500 एकड़ जमीन पर भी अपना दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल ने पहली बार भारत से लगी सीमा पर सेना के जवानों को उतारा है।

नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट सरकार पिछले कुछ दिनों से देशभर में भारत विरोधी माहौल बना रही है। नेपाल सरकार ने भारतीय इलाके कालापानी, लिपूलेख और लिंपियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद भारतीय सीमा पर पहली बार सेना के जवानों को उतारा है। इसे देखते हुए भारत ने भी अपनी सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ी कर दी है। भारत-नेपाल सीमा पर धारचूला से कालापानी तक सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने सभी चौकियों पर अपने जवानों की संख्या बढ़ा दी है।

स्थानीय लोगों के अनुसार भारतीय सीमा सुरक्षा बल के नरम रुख का फायदा उठाते हुए नेपाल ने सुस्ता क्षेत्र में आर्म्ड फ़ोर्स कैम्प बनाने के साथ-साथ त्रिवेणी घाट के पास नदी किनारे स्थित जंगल पर कब्जा कर अपना झंडा लगा दिया है। सुस्ता गांव में गंडक नदी के इस पर नेपाल ने पूल निर्माण कार्य को भी शुरू कर दिया था जिसे भारत की सख्त आपत्ति के बाद रोका गया। जानकारी के मुताबिक कोरोना क्वारंटाइन सेंटर के नाम पर बने कैम्प असल में नेपाली सेना के ठिकाने हैं।

बिहार में बाढ़ आने का खतरा

दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल के कारण बिहार में बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है। प्रत्येक वर्ष बारिश के पहले टूटे तटबंधों की मरम्मत की जाती है ताकि बाढ़ और पानी की बहाव पर नियंत्रण किया जा सके लेकिन इस वर्ष मरम्मत और निर्माण कार्यों में नेपाल द्वारा अड़ंगा लगाए जाने के बाद सभी कार्य ठप हैं। शुरुआती दौर में नेपाल ने वाल्मीकिनगर में त्रिवेणी घाट के समीप बांध मरम्मत कार्य पर रोक लगाई थी लेकिन एसएसबी के कड़े रुख के बाद मामला शांत हुआ है। इसके बावजूद सलुइस गेट का निर्माण ठप पड़ा है। इसके अलावा नेपाल ने पूर्वी चंपारण में बलुआ, सीतामढ़ी के बैरगनिया समेत कई अन्य जगहों पर भारत द्वारा किए जा रहे मरम्मत और निर्माण कार्यों को रोक दिया है जिससे बिहार में बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है।

भारतीय सीमा पर बनाया 200 मीटर पैदल मार्ग

नेपाल तेजी से भारतीय सीमा से लगे अपने मार्गों को दुरुस्त करने में जुटा है। नेपाल के छांगरु, टिंकर गांव और बीओपी चौकी तक पहुंचने के लिए अब उसे भारत के रास्ते से होकर नहीं जाना पड़ेगा। नेपाल ने घाटीबगड़ के निकट दो सौ मीटर लंबा पैदल मार्ग दो हफ्ते में तैयार कर दिया है। इसके साथ ही बिहार के मधुबनी, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी के दर्जनों नो मेंस लैंड पर अस्थायी निर्माण कर लिया है।