न्यूजीलैंड की मस्जिदों में गोली चलाने वाले को उम्रकैद, 51 लोगों की हत्या की थी

New Zealand Mosque Shooting: न्यूजीलैंड में यह पहली इतनी कड़ी सजा, बच्चों की भी की थी हत्या, आतंकवादी को नहीं मिलेगी पैरोल

Updated: Aug 28, 2020, 01:22 AM IST

Photo Courtesy: Swaraj Express
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न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर हमला करने वाले ब्रेंटन हैरिसन टारेंट को वहां की एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई और इस दौरान वह पैरोल भी नहीं ले सकता। इन हमलों में 51 लोगों की मौत हुई थी। हैरिसन ने खुद कबूल किया था कि उसने मस्जिदों में प्रार्थना कर रहे लोगों को मारा। हैरिसन को दी गई सजा न्यूजीलैंड में अपने आप में पहली ऐसी सजा है। यह घटना पिछले साल हुई थी। 

न्यायाधीश कैमरॉन मेंडर ने ऑस्ट्रेलियाई हमलावर ब्रेंटन हैरिसन टारेंट (29) को उम्रकैद की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने कहा कि टारेंट का अपराध इतना क्रूर है कि उम्रकैद की सजा उसके प्रायश्चित के लिए काफी नहीं हो सकती। न्यायाधीश ने यह टिप्पणी भी कि टारेंट को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। 

मेंडर ने कहा, ‘‘तुम्हारी हरकत अमानवीय थी। तुमने जानबूझकर तीन साल के एक बच्चे की हत्या की, जो अपने पिता के पैर से लिपटा था।’’

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया मूल के ब्रेंटन टारेंट (29) ने पिछले साल 15 मार्च को मध्य क्राइस्टचर्च की अल नूर मस्जिद और शहर के बाहरी हिस्से में लिनवुड मस्जिद पर गोलीबारी की थी। इस पूरी घटना का वीडियो फेसबुक पर लाइव प्रसारित भी किया गया था।

सजा पर फैसले के लिए सुनवाई चार दिन तक चली और इस दौरान हमले के 90 पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों ने एक बार फिर हमले का वो खूनी मंजर याद किया। सुनवाई के पहले दिन टारेंट ने कोर्ट में पेश होते हुए श्वेत वर्चस्ववादियों द्वारा किए जाने वाले हाथ के इशारे को दिखाया। जब पीड़ितों ने अदालत के सामने अपनी कहानी बयान की तो हैरिसन एक बनावटी हंसी हंसता रहा। हालांकि, आखिरी दो दिन की सुनवाई के दौरान वह पूरी तरह शांत रहा। 

कोर्ट ने यह भी बताया कि टारेंट हैरिसन सालों से इस हमले की योजना बना रहा था। हैरिसन एंडर्स ब्रेविच से प्रभावित था। ब्रेविच ने 2011 में नॉर्वे में एक ऐसे ही हमले में 77 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें ज्यादातर युवा शामिल थे।