बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को हुई जेल, श्रम कानूनों का उल्लंघन करने का है आरोप

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गरीब लोगों की मदद के लिए माइक्रोक्रेडिट का उपयोग करते हुए अपने देश बांग्लादेश में ग्रामीण टेलीकॉम की शुरुआत की थी, जिसे उन्होंने एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित किया था।

Updated: Jan 02, 2024, 12:10 PM IST

ढाका। बांग्लादेश के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को देश के श्रम कानूनों का उल्लंघन करने के लिए छह महीने जेल की सजा सुनाई गई है। अल जज़ीरा ने प्रमुख अभियोजक खुर्शीद आलम खान के हवाले से बताया कि प्रोफेसर यूनुस और उनके तीन ग्रामीण टेलीकॉम सहयोगियों को श्रम कानूनों के तहत दोषी ठहराया गया और छह महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है।

सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले हुए इस घटनाक्रम को यूनुस के समर्थकों ने राजनीति से प्रेरित बताया है। श्रम अदालत की न्यायाधीश शेख मेरिना सुल्ताना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके खिलाफ श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप सिद्ध हो चुका है।

फैसला सुनाये जाने के समय 83 वर्षीय यूनुस अदालत में मौजूद थे। न्यायाधीश ने उनमें से प्रत्येक पर 25,000 टका का जुर्माना भी लगाया और कहा कि ऐसा न करने पर उन्हें 10 दिन और जेल में काटने होंगे। बांग्लादेशी टका बांग्लादेश की मुद्रा है। फैसले के तुरंत बाद, यूनुस और तीन अन्य ने जमानत के लिए आवेदन किया। न्यायाधीश ने 5,000 टका के मुचलके के बदले उन्हें एक महीने की जमानत दे दी।

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गरीब लोगों की मदद के लिए माइक्रोक्रेडिट का उपयोग करते हुए अपने देश बांग्लादेश में ग्रामीण टेलीकॉम की शुरुआत की थी, जिसे उन्होंने एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित किया था। लेकिन अब यह जांच के केंद्र में आ गया है।

साल 2006 में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार जीतने वाले 83 वर्षीय मोहम्मद यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से अपने गरीबी-विरोधी अभियान के माध्यम से लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का श्रेय दिया जाता है, एक ऐसी पद्धति जिसे दूसरे महाद्वीपों में भी दोहराया गया था। यूनूस की कोशिशों और उनके तरीके की दुनिया भर में तारीफ होती रही है।