अंधविश्वास के कारण 11 साल के बच्चे की हत्या, एक ढोंगी बाबा पर बलि चढ़ाने का आरोप

मासूम के पिता का आरोप, जमीन में गड़ा धन ढूंढने के लिए पास में ही रहने वाले ढोंगी बाबा ने की हत्या, बच्चे का नाक और कान कटा शव मिला

Updated: Dec 28, 2020, 07:12 PM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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अलवर। राजस्थान के अलवर जिले में अंधविश्वास की एक खौफनाक दास्तान सामने आई है। जिले के नावली गांव में अंधविश्वास के चलते 11 साल के मासूम की बलि दे दी गई। बच्चे का शव दिल दहला देने वाले हालात में एक खेत में पड़ा मिला। उसके नाक, कान और नाखून कटे हुए थे। पिता का आरोप है कि पास के ही एक ढोंगी बाबा ने गड़ा धन ढूंढने के लिए मासूम की बलि दी है।

विज्ञान के इस युग में अंधविश्वास के खिलाफ किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद इससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो रहा है। यह सुनकर रूह कांप उठती है कि 21वीं सदी में भी लोग अंधविश्वास के चक्कर में आकर मासूमों की जान ले लेते हैं। नावली निवासी रघुवीर बैरवा ने पुलिस को बताया है कि उसके घर के पास ही रहने वाले कालू बैरवा ने उसके बच्चे की हत्या कर दी ताकि उसे गड़ा हुआ धन मिल सके।

जानकारी के मुताबिक बच्चा शनिवार को गायब हो गया था जिसके बाद परिजनों ने अपहरण का शक जताते हुए मालाखेड़ा थाने की अकबरपुर चौकी में लिखित शिकायत दी थी। इसके अगले ही दिन यानी रविवार दोपहर बच्चे का शव एक युवक को सरसों के खेत में क्षत-विक्षत स्थिति में दिखा। 

जानकारी मिलने के बाद जब परिजन घटनास्थल पर पहुंचे तो पाया कि 11 वर्षीय बच्चे का पड़ा है और उसके नाक, कान और नाखून कटे हुए हैं। मौके पर बलि और तंत्र विद्या करने जैसे निशान मिले। इसके बाद बाबा कालू समेत कुछ लोगों पर बलि देने का शक हुआ। पिता का आरोप है कि कुछ दिन पहले कालू से उसका विवाद भी हुआ था और कालू ने उसे धमकाया कि तेरा अहित कर दूंगा। 

पिता का आरोप है कि बाबा कालू लोगों को गड़ा धन दिलाने, निसंतान को बच्चा कराने का पाखंड करता रहता है। बीते दिनों बाबा कालू अपने कुटुंब के नंदा, बाल्या, बद्री और रमेश से जमीन में गड़ा धन के लिए किसी बच्चे की बलि देने की बातें कर रहे थे। 

अंधविश्वास को लेकर पहले भी की थी शिकायत

मृतक बच्चे के पिता का कहना है कि ढोंगी बाबा के अंधविश्वास को लेकर उन्होंने पहले भी पुलिस में शिकायत की थी। दरअसल, कालू ने पीर का चबूतरा बना रखा है। पीर के चबूतरे पर चादर डालने को लेकर बच्चे के पिता ने एतराज जताया था। वह चबूतरे को हटाने के लिए भी कहता था। आरोपी रघुवीर को पीर के काम में अड़ंगा ना डालने के लिए धमकी देते थे। करीब 7 दिन पहले रघुवीर ने पुलिस से इस बात की शिकायत की थी। तब पुलिस उनके यहां पहुंची भी थी, लेकिन उसके बाद भी लोगों का पाखंड जारी था।