प्रोजेक्ट चीता को फिर लगा बड़ा झटका, कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत, अब तक 9 ने तोड़ा दम

26 मार्च से और अब तक कूनो में कुल 9 चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें 3 शावक भी शामिल हैं। चीतों की हो रही सिलसिलेवार मौत पर बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई थी।

Updated: Aug 02, 2023, 03:40 PM IST

श्योपुर। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है। यहां अब एक और चीते ने दम तोड़ दिया है। बुधवार को मादा चीता धात्री (टिबलिसी) की मौत हो गई। इसके साथ ही कूनो में मरने वाले चीतों की संख्या 9 हो चुकी है, जिनमें छह चीते और कूनो में जन्मे तीन शावक शामिल हैं।

मध्य प्रदेश वन विभाग ने कहा है कि आज सुबह मादा चीतों में से एक धात्री (तिब्लिसी) मृत पाई गई। मौत का कारण जानने के पोस्टमार्टम किया जा रहा है। 14 चीते जिनमें सात नर, छह मादा और एक मादा शावक को कूनो के बाड़े में रखा गया है जो स्वस्थ है। एक मादा चीता खुले में है, जिसकी एक टीम निगरानी कर रही है। वन विभाग ने बयान में कहा है कि उसे स्वास्थ्य जांच के लिए वापस लाने के प्रयास जारी हैं।

टिबलिसी कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में घूम रही थी। उसे हेल्थ चेकअप के लिए लाया जाना था, पिछले 10 दिनों से वन विभाग की टीम तलाश रही थी। चीतों की सिलसिलेवार मौत के चलते पर्यावरण मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर चिंता जाहिर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को केंद्र सरकार से कहा था, 'राजनीति से ऊपर उठकर कूनो से कुछ चीतों को राजस्थान शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए। क्यों नहीं आप राजस्थान में कोई अच्छी जगह ढूंढते? सिर्फ इसलिए कि राजस्थान में विपक्षी दल (कांग्रेस) की सरकार है, इसका मतलब यह नहीं कि आप इस प्रस्ताव पर विचार न करें। अफ्रीका और नामीबिया से जितने चीते लाए गए थे, उनमें से 40 फीसदी की मौत हो चुकी है। इन्हें भारत लाए हुए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ। मौतों का यह आंकड़ा अच्छी बात नहीं है।'

बता दें कि 70 साल बाद देश में चीतों की वापसी हुई थी, जब 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था। हालांकि, अब आठ चीतों की मौत के बाद वन अमले पर सवाल खड़े होने लगे हैं। अब कूनो सिर्फ 14 चीते ही बचे हैं।