Coronavirus in Bhopal: भोपाल में खतरनाक स्तर पर पहुंचा कोरोना संक्रमण, 10 दिनों में 3293 नए केस

ज्यादातर कोरोना संक्रमित मरीज नहीं जाना चाहते अस्पताल, मात्र 41 फीसदी ही अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे, 31 दिसंबर तक नहीं खुलेंगे स्कूल

Updated: Nov 29, 2020, 04:32 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना का संक्रमण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। राजधानी में बीते 10 दिन में काेराेना के 3293 नए मरीज मिले हैं। वहीं ठीक होने वालों की संख्या 2,292 है। इसी बीच कोरोना के प्रभाव को देखते हुए पहली से आठवीं तक के कक्षाओं को 31 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है।

चिंता की बात यह है की ज्यादातर कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल में इलाज कराने नहीं जा रहे हैं। पिछले 10 दिनों में मात्र 1352 मरीज ही अस्पतालाें में भर्ती हुए हैं। एनएचएम की बेड ऑक्यूपेंसी रिपोर्ट के मुताबिक नए मरीजों में 59 फीसदी यानी 1941 ऐसे हैं, जो अस्पताल में भर्ती होने के बजाय घर में इलाज करा रहे हैं। राजधानी के तीन सरकारी और एक निजी अस्पताल में नि:शुल्क कोविड इलाज के लिए 1720 बेड रिजर्व हैं। इनमें से 1023 बेड भरे हैं जबकी 697 कोविड वेड खाली बचे हैं। 

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रदेश के पहलीे से आठवीं तक के स्कूल 31 दिसंबर तक नहीं खुलेंगे। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने शनिवार देर शाम आदेश जारी कर दिया है। यदि अगले माह तक संक्रमण पर नियंत्रण पा लिया जाता है, तो जनवरी से प्राइमरी व मिडिल स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा। इस आदेश में कहा है कि पहली से आठवीं तक के स्कूलों में 31 दिसंबर तक की छुट्टी घोषित की गई है। वहीं, 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं आंशिक रूप से चलेंगी।

बता दें की भोपाल में कोवैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। ट्रायल पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है। इसके लिए वैक्सीन के 1000 डोज पीपुल्स मेडिकल कॉलेज को मिले हैं। इसके अलावा गांधी मेडिकल कॉलेज में भी अगले हफ्ते से ट्रायल शुरू होगा। भोपाल के 2 से 3 हजार लोगों पर कोवैक्सीन का ट्रायल होगा, इनमें किसी भी किसी भी हेल्थ वर्कर को वॉलंटियर नहीं बनाया जाएगा।