15 अगस्त को नहीं 1 जून को आजाद हुआ था भोपाल, अब से इस दिन भोपाल में रहेगा शासकीय अवकाश: सीएम शिवराज

भोपाल का इतिहास सबको पता रहना चाहिए। इसलिए एक शोध संस्थान बनाएंगे। इसमें राजा भोज से लेकर रानी कमलापति आदि का पूरा इतिहास आएगा: शिवराज सिंह चौहान

Updated: Jun 01, 2023, 02:21 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब से हर साल 1 जून को शासकीय अवकाश रहेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इसका ऐलान किया है। सीएम चौहान ने कहा कि भोपाल 15 अगस्त 1947 को आजाद नहीं हुआ था। बल्की 1 जून 1949 को भोपाल को आजादी मिली थी। इसलिए अगले साल से 1 जून को भोपाल के शासकीय अवकाश रहेगा।

दरअसल, गुरुवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का गौरव दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान भोपाल में सुबह से शाम तक कई आयोजन किए जाएंगे। शाम 6 बजे से मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। गीतकार मनोज मुतंशिर भोपाल की गौरव गाथा सुनाएंगे, इसके अलावा भी बॉलीवुड सिंगर श्रेया घोषाल, कॉमेडियन कृष्णा-सुदेश का भी कार्यक्रम है। सीएम चौहान ने गुरुवार सुबह भोपाल गेट पर विलीनीकरण दिवस पर झंडावंदन भी किया। वहीं, मशाल प्रज्जवलित कर शहीदों को पुष्पांजलि अर्जित की। साथ में भोपाल गेट पर सफाई मित्रों का सम्मान भी किया।  

मुख्यमंत्री चौहान ने सुबह भोपाल गेट पर ध्वजारोहण करते हुए कहा कि, '15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हुआ था, लेकिन भोपाल स्वतंत्र नहीं हुआ था। यहां के नवाब ने भोपाल रियासत को भारत में विलीन करने से इनकार कर दिया था। तब विलीनीकरण आंदोलन चला था। लगातार पौने दो साल भोपाल रियासत में रहने वाले लोगों ने भोपाल को भारत में विलीन कराने के लिए आंदोलन किया। हमारे लोग शहीद हुए। भोपाल भारत का हिस्सा बने, इसलिए खून की अंतिम बूंद तक दे दी।'

सीएम चौहान ने आगे कहा कि, 'लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जब नवाब को आंखें दिखाई तो 1 जून 1949 को भोपाल भारत का अंग बना। इसलिए भोपाल ने तय किया कि भोपाल की आजादी का दिन ही गौरव दिवस होगा। ताकि, सबको पता रहे कि 1 जून को भोपाल आजाद हुआ था। अवकाश की मांग पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने की थी। सीएम चौहान ने इस दौरान ऐलान करते हुए कहा कि हम एक शोध संस्थान बनाएंगे। इसमें राजा भोज से लेकर रानी कमलापति आदि का पूरा इतिहास आएगा।'