सिर्फ सनातनी हिंदुओं से काम कराओ, भोपाल के जहांगीराबाद में लगा सांप्रदायिक पोस्टर
भोपाल के जहांगीराबाद चौराहे पर एक विवादित पोस्टर ने शहर में हंगामा मचा दिया। इस पोस्टर में केवल हिंदू श्रमिकों से काम कराने की अपील की गई थी।

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बार फिर कट्टरपंथियों द्वारा सांप्रदायिक वैमनस्यता बढ़ाने की कोशिशें हो रही है। भोपाल कोर्ट में मुस्लिम युवक से मारपीट के बाद अब जहांगीराबाद में विवादास्पद पोस्टर लगाए जाने का मामला सामने आया है। यहां चौराहे पर एक पोस्टर लगाया गया जिसमें लिखा था कि सिर्फ सनातनी हिंदुओं से काम कराओ।
पोस्टर में पेंटर, मैकेनिक, हेयर कटिंग सैलून, हलवाई, टेलर, कारपेंटर, प्लंबर, मशीन मैकेनिक, शटरिंग कारीगर, फल-सब्जी विक्रेता, इलेक्ट्रीशियन, ड्राइवर, जिम ट्रेनर और योग टीचर समेत अन्य पेशों से जुड़े हिंदू श्रमिकों के नाम और उनके मोबाइल नंबर भी प्रकाशित किए गए थे। पोस्टर पर "सनातन हिंदू श्रम साधक" और "केवल हिंदू बंधुओं के नाम" जैसे संदेश लिखे गए हैं। पोस्टर महिला जागौरी समिति की तरफ से लगाया गया था।
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इस पोस्टर को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई। उनका कहना था कि भोपाल हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब का शहर रहा है, जहां सभी समुदाय एक साथ रहते हैं। ऐसे पोस्टर से समाज में दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है। मुस्लिम समाज के नेताओं ने प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने और पोस्टर को हटाने की मांग की थी। उनका यह भी कहना था कि ऐसे विभाजनकारी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
मुस्लिम समुदाय के कड़े विरोध के कारण 4 दिन बाद गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे पुलिस-प्रशासन ने पोस्टर हटाया है। इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हाफिज ने कहा कि भोपाल का माहौल कभी भी इस तरह का नहीं रहा है। यह तो गंगा-जमुनी तहजीब वाला शहर है। यहां भाईचारे के साथ सब रहते आए हैं। यह निंदनीय है कि कैसे बीजेपी की सरकार में सांप्रदायिकता फैल रही है जिसे रोकने में सरकार नाकाम है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि राजधानी के मुख्य चौराहे पर ऐसे नफरत बाजी के पोस्टर का लगाया जाना विभाजनकारी सोच को प्रदर्शित करता है। यह भाजपा सरकार की नाकामी है। मुख्यमंत्री महोदय को जवाब देना चाहिए कि क्या वो ऐसे विचारों से सहमत हैं? क्या उनकी पार्टी ऐसे लोगों के साथ खड़ी है, जो ऐसे विचार रखते हैं। अगर नहीं तो अब तक उन पर कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कल्पना कीजिए कि अगर इसका उल्टा हुआ होता और किसी दूसरे वर्ग के दूसरे समुदाय के व्यक्ति ने ऐसे पोस्टर लगाए होते तो अब तक कितना बड़ा हंगामा हो गया होता।
वहीं, मामले पर महिला जागौरी समिति की अध्यक्ष साधना नंदू यादव ने कहा कि इस पोस्टर का उद्देश्य केवल हिंदू सनातनी भाई-बहनों को रोजगार दिलाना था। परंपरागत काम करने वालों को काम मिले, यही इस पहल का उद्देश्य था। उन्होंने कहा कि पहले कुछ काम विशेष समाजों से जुड़े होते थे और इस पोस्टर में 200 नामों की सूची इसलिए लगाई गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विभिन्न पेशेवर काम करने वाले हिंदू श्रमिकों को रोजगार मिल सके।