भोपाल नगर निगम का 3353 करोड़ का बजट पेश, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस के पार्षदों में नोकझोंक

नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा कि बजट में कुछ भी नया नहीं है। महापौर ने पिछले बजट और अंतरिम बजट का हिसाब नहीं दिया। जो 700 करोड़ रुपए लैप्स हुए हैं। बजट में उसका जिक्र तक नहीं किया।

Updated: Jul 02, 2024, 06:29 PM IST

भोपाल। भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक के दौरान महापौर मालती राय ने मंगलवार को "शहर सरकार" का बजट पेश किया। 3353 करोड़ के इस बजट में टैक्स में बढ़ोतरी नहीं की गई है। बजट में आय और व्यय बराबर रहने का अनुमान है। इस वित्तीय वर्ष में नगर निगम की अनुमानित आय 3353 करोड़ 16 हजार रुपए रहेगी और अनुमानित व्यय भी इतना ही रहेगा।

बजट के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों में जमकर नोकझोंक हुई। नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने बजट पर कहा कि नए कवर में पुराना बजट है। बजट में कुछ भी नया नहीं है। पिछले साल के बजट के बिंदुओं के सिर्फ नंबर बदले गए हैं। महापौर ने पिछले बजट और अंतरिम बजट का हिसाब तक नहीं दिया। जो 700 करोड़ रुपए लैप्स हुए हैं। बजट में उसका जिक्र तक नहीं किया।

बजट के प्रमुख पॉइंट्स

* प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन के लिए 40 करोड़ रुपए प्रावधान।
* अवैध से वैध कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान।
* पिछड़ी बस्तियों में जल संरचनाओं के विकास और सुधार के लिए 5 करोड़ रुपए।
* जलभराव को रोकने के लिए नाला-नालियों के निर्माण के लिए 35 करोड़ रुपए।
* जीर्ण-शीर्ण बस्तियों में पुर्नवास एवं विस्थापन कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए।
* अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय एवं निगम स्वामित्व की खुली भूमियों की फेंसिंग के लिए 5 करोड़ रुपए।
* महापुरुषों की प्रतिमाओं से संबंधित कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपए।
* छोटे व्यापारियों एवं पथ विक्रेताओं और ग्राहकों की सुविधा के लिए हॉकर्स कॉर्नर निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपए।
* मुख्य मार्गों पर हेरिटेज गेट बनेंगे। इसमें 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
* ट्रैफिक और चौराहों के सुधार के लिए 10 करोड़ रुपए।

महापौर मालती राय ने कहा कि बजट अच्छा है। हमने नवाचार किया है। भोपाल की जनता पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया है। उन्होंने अतिक्रमण के मुद्दे पर कहा कि शहर में निश्वित रूप से अतिक्रमण बढ़ रहा है। लेकिन, नगर निगम का अमला अतिक्रमण हटाने जाता है, और कहीं न कहीं से फोन आ जाता है।