Rape In Bhopal: रेप के आरोपी का सियासी कनेक्शन, जमानत पर छूटने के बाद पीड़िता के परिजनों को धमकाने का आरोप

पीड़िता के परिजनों के मुताबिक राजनीतिक दबाव में आरोपी को बचा रही पुलिस, अश्लील तस्वीरें लेकर ब्लैकमेल करने का आरोप FIR में नहीं जोड़ा

Updated: Sep 30, 2020, 10:05 PM IST

Photo Courtesy : Dhaka Tribune
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भोपाल। राजधानी में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। अपराधी बेख़ौफ़ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस लाचार दिख रही है। गांधीनगर क्षेत्र में एक हायर सेकेंडरी स्कूल संचालक के नाबालिग बेटे पर 16 साल की नाबालिग छात्रा के साथ बलात्कार का आरोप लगा है। घटना के बाद से राजधानी के उपनगर संत हिरदाराम की पुलिस पर बलात्कार के आरोपी को बचाने की कोशिश का आरोप लग रहा है।

पुलिस ने इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर धारा 363,366,376,506 के तहत केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी जमानत पर छूट कर खुलेआम घूम रहा है। उस पर पीड़िता और उसके परिजनों को धमकाने का आरोप भी लग रहा है। पीड़िता के परिजनों ने पुलिस पर भी आरोपी पक्ष को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। 

क्या है पूरा मामला ?

घटना 19 अगस्त की है। स्कूल संचालक का बेटा पीड़िता को  किताब दिलाने का कहकर अपनी एक्टिवा गाड़ी पर बैठा कर सीहोर रोड स्थित मोमेंट्स कैफे एंड रेस्टोरेंट (हुक्का लाउंज)  ले गया था। आरोप है कि वहां उसने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर लड़की को बेहोश कर दिया और फिर उससे बलात्कार किया। इतना ही नहीं, आरोपी ने लड़की के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो भी ले लिए। उसके बाद से आरोपी पीड़िता को लगातार धमकाता रहा।

आरोप है कि उसने पीड़ित लड़की पर अपने दोस्तों के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव भी डाला। जब पीड़िता नहीं मानी तो आरोपी ने 22 अगस्त को उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दीं। तस्वीरें वायरल होने पर पूरे मामले की जानकारी पीड़िता के परिवार वालों को भी मिली। इसके बाद परिजनों ने 27 अगस्त को महिला थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

पीड़िता के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन ब्लैक मेलिंग की धारा नहीं लगाई। परिजनों का यह भी आरोप है कि पुलिस ने सबूत के तौर पर मौजूद आपत्तिजनक तस्वीरें डिलीट करवा दीं। इतना ही नहीं, पुलिस ने पीड़िता के परिवार को एफआईआर की कॉपी तब तक नहीं दी, जब तक आरोपी को जमानत नहीं मिल गई।

बलात्कार जैसे गंभीर अपराध का आरोपी अब जमानत मिलने के बाद खुलेआम घूम रहा है और पीड़िता और पीड़िता के परिजनों को धमकी दे रहा है। पीड़िता के पिता को झूठे केस में जेल भिजवाने की धमकी भी मिल रही है। पीड़िता और उनके परिजनों ने इस मामले में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी न्याय की गुहार लगाई है।

सवालों के घेरे में पुलिस की जांच
पीड़िता को तत्काल एफआईआर की कॉपी देने में देर क्यों लगाई गई? सीहोर रोड का मोमेंट्स कैफे एंड रेस्टोरेंट (हुक्का लाउंज) किसका है? पुलिस ने उसके मालिक से पूछताछ क्यों नहीं की? पुलिस ने होटल के सीसीटीवी फुटेज क्यों नहीं लिए? पुलिस ने ब्लैकमेलिंग की धारा क्यों नहीं लगाई? ये वो सवाल हैं जो पुलिस की जांच पर उठ रहे हैं।

गौरतलब है कि बलात्कार का आरोपी भाजपा नेता नीलेश हिंगोरानी का भाई है और नीलेश हिंगोरानी के तार रामेश्वर शर्मा से जुड़े हैं। आरोप लग रहे हैं कि प्रोटेम स्पीकर के संरक्षण की वजह से ही पुलिस आरोपी लड़के को गिरफ्तार नहीं कर रही है।