जबलपुर ऑर्डनेंस फैक्ट्री में विस्फोट के बाद पिछोर बम की बॉयलिंग और फिलिंग पर रोक, जांच जारी
जबलपुर स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में 22 अक्टूबर को हुए भीषण विस्फोट में दो कर्मचारियों की दर्दनाक मौत के बाद फैक्ट्री प्रशासन ने पिछोर बम की बॉयलिंग और फिलिंग पर अस्थायी रोक लगा दी है।

जबलपुर| ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में 22 अक्टूबर को हुए भीषण विस्फोट में दो कर्मचारियों की दर्दनाक मौत के बाद फैक्ट्री प्रशासन ने पिछोर बम की बॉयलिंग और फिलिंग पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह हादसा फिलिंग-6 सेक्शन की बिल्डिंग नंबर 200 में उस समय हुआ, जब चार कर्मचारी बम को पिघलाकर उसमें से बारूद निकालने का कार्य कर रहे थे। धमाके के बाद फैक्ट्री में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है और कर्मचारियों ने पिछोर बम पर आगे काम करने से साफ इनकार कर दिया है। इसके बाद फैक्ट्री का निरीक्षण करने आए सीएमडी देवाशीष बनर्जी ने कर्मचारियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए पिछोर बम पर काम रोकने का आश्वासन दिया है।
बनर्जी ने बताया कि पिछोर बम की बॉयलिंग और फिलिंग का आदेश भारतीय वायुसेना से मिला था और यह प्रक्रिया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) के तहत हो रही थी। करीब 130 बम का ऑर्डर था, जिनमें से 20 बम को खोल भी दिया गया था। हादसे के बाद एफ-6 सेक्शन की 200 और 201 नंबर की इमारतें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं, और वहां कार्यरत कर्मचारियों को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है।
विस्फोट में मारे गए कर्मचारी एलेक्जेंडर टोप्पो के शरीर के कई हिस्से अब भी गायब हैं। हादसे के बाद स्निफर डॉग ने लगभग 50 मीटर की परिधि में खोजबीन की और अलग-अलग स्थानों से उनके शरीर के नौ टुकड़े बरामद किए, लेकिन अभी भी पैर सहित कुछ हिस्से नहीं मिल पाए हैं। कर्मचारियों का मानना है कि धमाके के समय आग इतनी प्रचंड थी कि संभवतः एलेक्जेंडर के कुछ अंग आग में पूरी तरह जलकर नष्ट हो गए होंगे।
रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर पुणे से जबलपुर पहुंचे सीएमडी देवाशीष बनर्जी ने गुरुवार को फैक्ट्री में पहुंचकर मृतकों के परिजनों और घायलों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। इस घटना की जांच के लिए एक बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी का गठन कर दिया गया है, जो विस्फोट के कारणों का पता लगाएगा। मध्य भारत एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) लेफ्टिनेंट जनरल पीएस शेखावत ने भी घटनास्थल का दौरा कर आवश्यक निर्देश दिए हैं।
इसके अतिरिक्त, 506 आर्मी बेस वर्कशॉप जबलपुर के कमांडेंट ब्रिगेडियर केके शर्मा के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई है, जिसमें बम स्क्वायड का नेतृत्व सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो के कमांडेंट ब्रिगेडियर वसंत कुमार कर रहे हैं। जांच में मध्य भारत एरिया हेडक्वार्टर की स्निफर डॉग टीम भी सक्रिय रूप से शामिल है और सबूत इकट्ठा करने का काम तेजी से चल रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।