दोनों गृह मंत्री आज इंदौर में हैं, मैं गलत हूं तो मुझे जेल में डाल दें, अमित शाह और नरोत्तम मिश्रा को कन्हैया का चैलेंज

मुझे गर्व है कि मुझे इतनी वर्षों तक ना केवल आदिवासी भाइयों की सेवा करने का मौका मिला बल्कि सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाले छिंदवाड़ा में आदिवासी भाइयों के साथ कार्य करने का मौका मिला: कमलनाथ

Updated: Jul 30, 2023, 04:49 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में आज कांग्रेस ने विशाल आदिवासी युवा महापंचायत का आयोजन किया। कार्यक्रम में पीसीसी चीफ कमलनाथ, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार शामिल हुए। इस दौरान कन्हैया कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को चैलेंज देते हुए कहा कि यदि मैं गलत हूं तो मुझे गिरफ्तार करें।

इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आदिवासी युवा महापंचायत को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि एमपी में रोज नए घोटाले पैदा हो रहे हैं। नया घोटाला पटवारी घोटाला है। जिनमें टॉपर ने बताया कि एमपी की राजधानी दिल्ली है। कन्हैया ने गृहमंत्री अमित शाह और नरोत्तम मिश्रा को चैलेंज करते हुए कहा कि हम सच बोलते हैं और सच के लिए लड़ते हैं। दोनों गृह मंत्री आज इंदौर में हैं। अगर मैं गलत हूं तो हमें जेल में डालें। बिना मतलब के बयान देकर लोगों को गुमराह न करें।

कन्हैया ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर तंज कसते हुए कहा कि आपके राज्य में सबसे ज्यादा महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। अपने राज्य को चला लीजिए फिर दूसरे पर बयान दीजिए। सच बोलिए डरिए नहीं। जब चुनाव आता है तो दिल्ली-इंदौर में घूमना शुरू कर देते हैं। आजकल दिल्ली-इंदौर खूब घूम रहे हैं। कन्हैया ने सीएम चौहान पर निशाना साधते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री अपने बेटे को विदेश भेज सकता है तो हमारा भी अधिकार है कि हमारे बच्चों को अच्छी पढ़ाई अच्छी शिक्षा मिले। हम भी टैक्स देते हैं, आपके पैसे से हमने पीएचडी की है। हमने आपका नमक खाया है। इसका कर्ज अदा करेंगे, क्योंकि आपने हमको अपने टैक्स के पैसे से पीएचडी कराया है।'

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा, 'मुझे गर्व है कि मुझे इतनी वर्षों तक ना केवल आदिवासी भाइयों की सेवा करने का मौका मिला बल्कि सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाले छिंदवाड़ा में कार्य करने का मौका मिला। मैं हवा हवाई बातें नहीं करूंगा, अपने अनुभव की बात आज आप सबके बीच साझा करूंगा, 1979 पहले जब मैं छिंदवाड़ा का प्रतिनिधित्व करने के लिए आगे आया, आदिवासी तीर्थ स्थान आंचल कुंड गया। सड़कें ऐसी थी कि हम जीप से जाया करते थे तो हमें लगता था जीप पलट जाएगी। इस डर से उन सड़कों पर कभी-कभी जीप से उतरकर पैदल भी चलते, रात में तीर्थ स्थान पहुंचे एक आदिवासी महर्षि थे, महर्षि के चरणों में प्रणाम किया और कहा मैं चुनाव लड़ रहा हूं और आपका आशीर्वाद लेने आया हूं। महर्षि के आशीर्वाद से मैं चुनाव जीता और उस समय मैंने वचन दिया था अपने आदिवासी भाइयों को की दोबारा अचल कोट तीर्थ स्थान तभी जाऊंगा जब वहां पर सड़क बनवा दूंगा। सबसे पहला काम मैंने किया वहां की सड़क का निर्माण कराया।'

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कमलनाथ ने आगे कहा कि आप सबने पातालकोट का नाम सुना होगा, पातालकोट पहुंचने के लिए हम 3 घंटे पैदल चला करते थे, वहां के आदिवासी भाई आम की गुठली सुखाकर उसका आटा बनाते थे, जिसे साल भर खाते थे। सिर्फ नमक खरीदने के लिए पातालकोट से ऊपर आया करते थे, सीमित कपड़े पहनते थे, जहां केवल 22 प्रतिशत गांवों में बिजली थी, गिनी चुनी सड़कें हुआ करती थी। आज आप उस क्षेत्र में जाइए जो सीमित कपड़ा पहना करते थे, उनके बच्चे आज जींस और टीशर्ट पहनते हैं इंटरनेट के माध्यम से पूरे विश्व से जुड़े हुए हैं और मल्टीनेशनल कंपनियों में ट्रेनिंग ले रहे हैं। सेंटर से हमने बनवाए हैं। गर्व से कहते हैं कि देश छोड़िए विदेश में भी आज इतने ट्रेनिंग सेंटर और स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट नहीं है।

कमलनाथ ने कहा कि मैं आज यह सब इसीलिए बोल रहा हूं क्योंकि राजनीति में लंबी चौड़ी बातें करना बहुत आसान है, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति से एक वंचित जिले को आगे बढ़ाने के लिए साहस चाहिए और वही हिम्मत और साहस हमें मध्य प्रदेश के हर जिले में आज आवश्यकता है। कमलनाथ ने कहा कि मैं यहां बैठे हुए अपने हर युवा से यह प्रार्थना करूंगा कि आप एक बार छिंदवाड़ा अवश्य जाएं और देख कर आइए की कमलनाथ हवा में बातें नहीं कर रहे हैं वे सच्चाई बयां कर रहे हैं। आज आप सब ने मुझे मांग पत्र सौंपा है परंतु छिंदवाड़ा में से किसी ने मेडिकल कॉलेज नहीं मांगा था, हॉर्टिकल्चर कॉलेज नहीं मांगा था। यह मेरे लिए मेरे राजनीतिक जीवन के लिए एक स्वप्न था जो मैंने छिंदवाड़ा के लिए देखा था और मध्यप्रदेश के लिए देखा था।