पन्ना: झोपडी में लगी भीषण आग, जिंदा जले दो मासूम
पन्ना जिले के बृजथाना क्षेत्र के इटवांखास गांव में खेत पर बनी घास-फूस की झोपड़ी में अचानक आग लगने से दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई।

पन्ना| जिले के बृजथाना क्षेत्र के इटवांखास गांव में शुक्रवार सुबह एक हृदयविदारक घटना हुई, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। खेत पर बनी एक घास-फूस की झोपड़ी में अचानक आग लगने से दो मासूम बच्चे जिंदा जल गए। मृतकों में तीन वर्षीय संदीप और दो वर्षीय अंकित शामिल हैं। हादसे के वक्त दोनों बच्चे झोपड़ी के अंदर सो रहे थे, जबकि उनके माता-पिता जंगल में लकड़ी बीनने गए हुए थे।
पिता देसु आदिवासी और उसकी पत्नी जब जंगल से लकड़ी लेकर लौटे तो उन्होंने देखा कि उनकी झोपड़ी पूरी तरह से जल चुकी थी। झोपड़ी के अंदर दोनों बच्चों के जले हुए शव मिले, जिसे देखकर माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पिता देसु जोर-जोर से चिल्लाने लगा, जिसकी आवाज सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे लोग वहां पहुंचे और पुलिस को घटना की सूचना दी।
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सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार शशिकांत दुबे और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। दोनों बच्चों के शवों का पंचनामा तैयार कर उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। पुलिस और प्रशासन की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, लेकिन आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है।
जानकारी के मुताबिक देसु आदिवासी अमानगंज थाना क्षेत्र के रतनपुरा गांव के निवासी है और वह अपने परिवार के साथ ओमप्रकाश बाजपेई के खेत पर बटाई पर काम कर रहे थे और फसल की रखवाली के लिए खेत की मेड़ पर घास-फूस की झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। पटवारी रघुनाथ बागरी ने बताया कि झोपड़ी में आग कैसे लगी, इसका अब तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है।