आपकी लड़ाई उनसे है, जिन्हें आप नौ महीने पेट में रखती हैं, महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण कार्यक्रम में बोले कन्हैया
हम पॉक्सो एक्ट लेकर आए, लेकिन कुछ पार्टी के लोग इसे बदलने का प्रयास कर रहे हैं। ये मानसिकता की बात होती है। हमें पहचानना होगा कि ये कौन सी मानसिकता है: दिग्विजय सिंह

इंदौर। मध्य प्रदेश कांग्रेस के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह आज इंदौर में हैं। इंदौर में महारुद्राभिषेक कार्यक्रम के बाद दोनों दिग्गज रेडिसन होटल में शहर महिला कांग्रेस द्वारा आयोजित महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव की अहमियत कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे। इस दौरान युवा नेता कन्हैया कुमार, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल और शोभा ओझा भी मौजूद थीं।
कार्यक्रम के दौरान एक महिला ने कमलनाथ से मणिपुर की घटना को लेकर सवाल किया। इस पर कमलनाथ ने कहा कि इस घटना ने पूरे देश को बदनाम किया। जो घटना हुई है वो चिंता का विषय है। लेकिन यह क्यों हुआ? उसका सोर्स क्या है। हमारी संस्कृति जोड़ने की संस्कृति है लेकिन वो खतरे में है। तमिलनाडु में भाषा का विवाद है। इन सभी चीजों की शुरुआत मणिपुर से हुई है। आदिवासी और नॉन आदिवासी की लड़ाई कराई जा रही है। हमें इस बात से घबराहट है की मणिपुर कहां कहां फैल सकता है। यह सोच की बात है। लाडली बहना के नारे से महिला न तो बहन बनेगी न ही लाडली बनेगी।
कमलनाथ से एक महिला ने पूछा कि क्या आपकी बेटी होती तो राजनीति में उसे आने के लिए प्रेरित करते? इसपर कमलनाथ ने कहा कि यह बात मैं दावे के साथ इसलिए नहीं कह सकता क्योंकि मेरी बेटी नहीं है। राजनीति सिर्फ सत्ता का विषय नहीं है। मेरी बेटी होती तो मैं जरूर उसे उत्साहित करता लेकिन सिर्फ चुनावी राजनीति के लिए नहीं। राजनीति को समजसेवा का माध्यम बनाने के लिए उत्साहित करता। पीसीसी चीफ ने सबसे सबसे ज्यादा प्रेरित करने वाली महिला इंदिरा गांधी को बताया। पूर्व सीएम ने काबा कि इंदिरा गांधी ने कितने मुश्किल समय में देश चलाया। चाहे बांग्लादेश का मामला हो या यूएन का मामला हो। मुश्किल समय में उन्होंने युद्ध जीता। वह मेरे जीवन की सबसे ज्यादा प्रेरणाश्रोत महिला हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी ने इंदौर शहर महिला कांग्रेस द्वारा आयोजित महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव की अहमियत कार्यक्रम को संबोधित किया।
— MP Congress (@INCMP) July 30, 2023
"सबके साथ - कमलनाथ" pic.twitter.com/OorWLIl2w7
इस दौरान एक महिला ने कन्हैया कुमार से पूछा कि भारतीय संविधान ने स्त्रियों को सारे अधिकार दिए उसके बाद भी स्त्रियों का शोषण हो रहा इसका कारण क्या है? इसके जवाब में कन्हैया कहते हैं, 'एक मशहूर नज्म है... सादगी तो हमारी जरा देखिए। इसमें एक लाइन है हमने तनहाइयों से घबराकर दुश्मन को ही हमसफर कर लिया है। आपकी लड़ाई उनसे ही है जिनके साथ आपको रहना होता है। आपकी लड़ाई उनसे है, जिन्हें आप नौ महीने पेट में रखते है।
जेंडर की लड़ाई सबसे मुश्किल लड़ाई है। जाति आधारित लड़ाई आसानी से लड़ा जा सकता है। इसमें लोगों को गोलबंद किया जा सकता है। दो मुल्कों की लड़ाई आसान है, बॉर्डर खींचा जा सकता है। लेकिन आप बेडरूम में बॉर्डर तो नहीं खींच सकते। जिस पुरुष को महिला पैदा करती है, उसी से सम्मान पाने के लिए गुजारिश करनी होती है। आपने दुश्मन को भी हम सफर कर लिया है। ये एक लंबी लड़ाई है जिसे हमें किश्तों में लड़ना होगा।
कन्हैया कुमार ने इस दौरान सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हजार - दो हजार में महिलाओं को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। गेम कर रहे हैं लाडला के लिए और बता लाडली रहे हैं। आपको कहना होगा कि हम आधी आबादी हैं, राज्य में आधा हिस्सा लेंगे, हजार रुपए में ठगने की कोशिश मत कीजिए।
कार्यक्रम के दौरान एक अन्य महिला ने पूछा कि जब-जब महिला सुरक्षा का मुद्दा आता है तो नाइट कल्चर और पहनावे को जिम्मेदार ठहराया जाता है, ऐसा क्यों? इसके जवाब में। शोभा ओझा ने कहा कि आप
बिल्कुल सही कह रही हैं, रेप होता है वे तो कहते हैं की छोटे कपड़े पहन कर बाहर निकली थी। हमारे यहां पांच साल की बच्ची और 80 साला की बुजुर्ग के साथ भी रेप होता है। इसमें तो आप नहीं कह सकते कि रात में बाहर निकलने या छोटे कपड़े पहनने के कारण रेप हुआ। महिलाओं को कोई और गवर्न नहीं कर सकता कि उसे क्या पहनना चाहिए और कहां जाना चाहिए।
शोभा ओझा ने आगे कहा कि पुलिस महकमा भी महिला अत्याचार को लेकर संवेदनशील नहीं होता। हमें शर्म आती है कि मध्य प्रदेश रेप में नंबर वन है। जब कमलनाथ जी बतौर सीएम पुलिस मुख्यालय गए तो उन्होंने वहां कहा था कि महिला अत्याचार पर जीरो टॉलरेंस रखना होगा। इसपर कमलनाथ ने कहा कि आप जो सुनते हैं वो केवल दस फीसदी है, 90 फीसदी केस तो सामने ही नहीं आते। प्रश्न ये नहीं की किस इलाके में हुआ, प्रश्न ये है कि ये हुआ क्यों? केवल कानून से ये नहीं रुक सकती, उसके लिए वातावरण होना चाहिए।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी महिला अत्याचार के मामले में पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता पर जोर दिया। पूर्व सीएम ने कहा कि पुलिस को संवेदनशील होना चाहिए। पूर्व सीएम ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम पॉक्सो एक्ट लेकर आए, लेकिन कुछ पार्टी के लोग इसे बदलने का प्रयास कर रहे हैं। ये मानसिकता की बात होती है। हमें पहचानना होगा कि ये कौन सी मानसिकता है?