सिंहस्थ के लिए जबरन किसानों से जमीन अधिग्रहण का मामला, BJP विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा

उज्जैन का किसान बहुत डरा और परेशान है। क्योंकि, सिंहस्थ के नाम पर उसकी जमीन पहले केवल 3-6 महीनों के लिए अधिग्रहित की जाती थी लेकिन आज उन्हें स्थायी अधिग्रहण का नोटिस दिया गया है: बीजेपी विधायक

Updated: Mar 19, 2025, 10:59 AM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश में साल 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को लेकर तैयारियां जोरों पर है। राज्य सरकार सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थाई निर्माण के लिए 2378 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने की तैयारी में है, इसके विरुद्ध किसानों ने मोर्चा खोल रखा है। 17 गांवों के किसान अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच अब भाजपा के ही विधायक ने किसानों का समर्थन करते हुए अपनी ही सरकार को घेरा है।

स्थायी अधिग्रहण पर आलोट के बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने विधानसभा में कहा कि मैं सीएम मोहन यादव का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने 2 हजार करोड़ रुपए उज्जैन सिंहस्थ के लिए रखे हैं, उज्जैन उन पर अभिमान करता है। उज्जैन उनको अपना नेता मानता है, उज्जैन को गर्व है कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री उज्जैन से है। लेकिन, आज उज्जैन का किसान बहुत डरा और परेशान है। क्योंकि, सिंहस्थ के नाम पर उसकी जमीन पहले केवल 3-6 महीनों के लिए अधिग्रहित की जाती थी लेकिन आज उन्हें स्थायी अधिग्रहण का नोटिस दिया गया है।

भाजपा विधायक ने सवाल उठाते हुए कहा कि पता नहीं किस अधिकारी ने यह विचार रखा है कि, स्पिरिचुअल सिटी (आध्यात्मिक नगरी) बनाएंगे। मैं बताना चाहता हूं कि स्प्रिचुअलिटी किसी सिटी में नहीं रहती है। वह तो त्याग करने वाले लोगों से होती है। हम क्रांक्रीट के भवन बनाकर स्पिरिचुअल सिटी नहीं बना सकते। सिंहस्थ का मुख्य विचार ही तंबू में है। जिन्होंने सबकुछ त्याग दिया, संन्यास ग्रहण कर लिया उनके लिए आप भवन बना रहे हैं। ये तो गलत है।

डॉ चिंतामणि मालवीय ने आगे कहा कि इसके पीछे उज्जैन के किसानों को आशंका है कि कॉलोनाइजर्स और भू-माफिया का यह षड्यंत्र है। उज्जैन ने तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने मालवीय के रुख की सराहना की है। उन्होंने ने भाजपा के अन्य नेताओं से भी अपील की है कि उज्जैन के किसानों को बचाने के लिए हम सब मिलकर मुख्यमंत्री से निवेदन करें।

बता दें कि सीएम मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 को देखते हुए सिंहस्थ मेला क्षेत्र को विकसित करने का प्लान तैयार किया है। सरकार का तर्क है कि इससे हर 12 साल में करोड़ों रुपए खर्च कर अस्थायी निर्माण नहीं बनाने पड़ेंगे। इसकी जगह स्थायी निर्माण किए जाएंगे। उज्जैन विकास प्राधिकरण इसके लिए 1806 किसानों की जमीन की लैंड पुलिंग करेगा। वहीं, किसानों का कहना है कि ज़मीन अधिग्रहण से उनकी आजीविका प्रभावित होगी। वे अपनी जमीन छोड़ना नहीं चाहते।