Chhatarpur: स्कूली बच्चों को बांटा कीड़े लगा चावल

MP PDS Scam: कई जिलों में खराब क्वालिटी का चावल बांटने की शिकायतें, छतरपुर में स्कूली बच्चों को दिया कीड़ा लगा चावल, खाद्य विभाग ने राशन वितरण पर लगाई रोक

Updated: Sep 10, 2020, 02:49 AM IST

छतरपुर। मध्य प्रदेश में खराब चावल वितरण की जांच EOW कर रही है। इस बीच रोजाना नए मामले सामने उजागर हो रहे हैं। छतरपुर के हरपालपुर इलाके के कई मिडिल और प्रायमरी स्कूलों के बच्चों को कीड़ा लगा चावल बांटा गया है। इनदिनों स्कूल बंद हैं ऐसे में बच्चों के कच्चा राशन बांटा जा रहा है। स्कूली बच्चों को कीड़े लगे चावल बांटने की शिकायत अभिभावकों ने उच्च स्तर पर की। जिसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

मवइया और रगौली गांव में बांटा गया था कीड़े वाला चावल

दरअसल हरपालपुर के ग्राम मवइया और रगौली के सरकारी राशन की दुकानों से स्कूली छात्रों को कच्चा राशन बांटा गया था। बच्चों के परिजनों का आरोप है कि बच्चों को जो चावल बांटा गया था। उसमें घुन लगा था और कीड़े पड़े थे। परिजन का कहना है कि खराब अनाज बांटकर बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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इल इलाके की सरकारी राशन की दुकानों से प्राथमिक शाला रगौली, माध्यमिक शाला रगौली, प्राथमिक शाला मबइया, प्राथमिक शाला भडयापुरवा के बच्चों को गेहूं-चावल का वितरण हुआ है। गौरतलब है कि यह राशन नौगांव वेयर हाउस से 22 अगस्त को मबइया और रगौली की सरकारी दुकानों को आवंटित हुआ था।

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जिसे सितंबर की 2 और 3 तारीख को बच्चों को बांटने के लिए भेजा गया। जिसे स्कूली बच्चों को शिक्षक दिवस के दिन बांटा गया। चावल में इतना घुन लगा था कि उसमें से धूल निकल रही थी इसके बाद भी खराब राशन बच्चों को बांट दिया गया। ना तो वेयर हाउस, न सरकारी राशन दुकान और ना ही स्कूली शिक्षकों ने इस ओर ध्यान दिया। और तो और यह कहा जा रहा है कि जैसा अनाज सरकार की ओर से आया वैसा ही बांट दिया गया । 

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राशन वितरण पर लगी रोक

इस जांच दल ने बच्चों और उनके परिजनों के बयान दर्ज किए हैं। वहीं खाद्य विभाग ने फिलहाल सरकारी राशन दुकानों से चावल के वितरण पर मौखिक रोक लगा दी है। राशन दुकान वितरक पर स्कूली बच्चों की सेहत से खिलवाड़ का आरोप लगा है। यहां प्रायमरी और मिडिल स्कूलों के बच्चों को कीड़ेयुक्त चावल बांटा गया था। शिकायत मिलने पर मंगलवार को ही उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हायर सेकंडरी हरपालपुर बालक और हायर सेकंडरी बालिका स्कूल के 2-2 टीचरों की टीम बनाई गई। यह टीम मबइया के स्कूल में जांच के लिए गई। इस टीम के शिक्षकों ने स्कूल के छात्रों, प्रधान अध्यापक और बच्चों के अभिभावकों के बयान दर्ज किए। जिसमें बच्चों को कीड़े लगे चावल बांटने की बात सिद्ध हुई। जांच टीम यह रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपेगी। फिलहाल मिडिल और प्रायमरी स्कूल के प्रधान अध्यापकों को राशन वितरण रोकने के निर्देश दिए हैं।

टीकमगढ़ में भी बांटा गया घटिया क्वालिटी का राशन

वहीं टीकमगढ़ में भी खराब चावल बांटने का मामला सामने आया है। यहां के मोहनगढ़, बल्देवगढ़, जतारा, पलेरा में कीड़े लगे और गुणवत्ताहीन चावल वितरित किया गया है। खराब क्वालिटी के चावल को लेकर शासन द्वारा एफसीआइ के दो सदस्यों के लिए जांच करने टीकमगढ़-निवाड़ी गई थी। इसमें टीम के सदस्यों में गुणवत्ता नियंत्रक एवं प्रबंधक वीरेंद्र कुमार वैरवार और दीपक जायसवाल ने निवाड़ी, पलेरा, जतारा और टीकमगढ़ के वेयर हाऊसों का निरीक्षण किया। इस टीम ने शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि यहां कोई भी घटिया चावल नहीं मिला है।

मंडला-बालाघाट में सबसे पहले सामने आया था मामला

गौरतलब है कि बालाघाट-मंडला जिले गुणवत्ताहीन चावल बांटने के मामले की जांच जारी है। अब इस जांच में प्रदेश के रीवा, सतना, सीधी, सिवनी, शहडोल, उमरिया, मंडला, अनूपपुर, कटनी और नरसिंहपुर के वेयर हाउस कार्पोरेशन और प्रायवेट गोदामों में रखा चावल भी जांचा जाएगा। इसके लिए 100 टीमों को तैनात किया गया है। टीमें भोपाल, सागर, शिवपुरी और भिंड भेजे गए चावलों का सैंपल लेकर भी जांच कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्देश पर ईओडब्ल्यू इस मामले में वित्तीय अनियमितता की जांच में जुटी है। ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। बालाघाट में 18, मंडला में 4 राइस मिलर्स और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 9 अधिकारियों के खिलाफ पर एफआईआर दर्ज हो गई है।