MP PDS Scam: कटनी समेत 23 जिलों में बंटा घटिया चावल
Kamal Nath: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने CBI जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि खराब क्वालिटी चावल बांटने के मामले को दबा रही है शिवराज सरकार

भोपाल। मंडला और बालाघाट के बाद कटनी में भी खराब धान की शिकायत मिली है। राइस मिलर्स ने मिली शिकायत के बाद जब कलेक्टर ने जांच करवाई तो कई क्विंटल धान बारिश के पानी से भीग कर सड़ा हुआ मिला। इसी धान से निकला चावल गरीबों को सस्ते दाम पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दिया जाना था। राज्य सरकार को 23 जिलों से ऐसी शिकायत मिली है। इन घोटालों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश के कई जिलों में ऐसे घोटाले हो रहे हैं।चावल घोटाला मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कटनी में राइस मिलर्स को पीडीएस के तहत बांटे जाने वाले धान की प्रोसेसिंग का जिम्मा सौंपा गया था। राइस मिलर्स ने कलेक्टर से शिकायत की थी कि जो धान प्रोसेसिंग के लिए मिल में आया है, वह भीगा हुआ है। ऐसे खराब धान से अच्छी क्वालिटी का चावल कहां से लाया जाए।
राइस मिलर्स की शिकायत के बाद जिला कलेक्टर ने एक टीम बनाई है, जो इस मामले की जांच में जुटी है। जांच टीम ने पाया कि मझगवां में वितरण के लिए रखी गई धान की बड़ी मात्रा, बहुत खराब गुणवत्ता की है। जांच टीम ने पाया है कि जो धान राइस मिलरों को प्रोसेसिंग के लिए भेजी जा रही है वह सड़ चुकी है। धान भीगी है इससे खराब क्वालिटी का चावल निकल रहा है। यही चावल गरीबों को बांटा जाना है।
Madhya Pradesh: Large quantity of paddy, kept for distribution in Majhgawan of Katni district, found to be of very poor quality. The stacks of paddy were checked by a team formed by District Collector yesterday after rice millers filed a complaint regarding the same. pic.twitter.com/mcVKZsTzZ8
— ANI (@ANI) September 4, 2020
मामले को दबाने में लगी है सरकार: कमल नाथ
प्रदेश में लगातार हो रहे चावल घोटाले, गेहूं में मिलावट, यूरिया वितरण में फ़र्ज़ीवाड़ा को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश के कई जिलों में ऐसे घोटाले हो रहे हैं। यह एक या दो जिलों तक सीमित नहीं है। कमलनाथ ने चावल घोटाला मामले की सीबीआई जांच की मांग की है, साथ ही आरोप लगाया है कि सरकार मामले को दबाने में लगी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने अपने ट्वीट में कहा है ‘कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से ग़रीबों को बांटा जाने वाला चावल खराब का मामला सिर्फ़ बालाघाट और मंडला तक ही सीमित नहीं है। इसके तार पूरे प्रदेश से जुड़े होने का अंदेशा है। उन्होंने कहा है कि यह एक बड़े घोटाले के रूप में सामने आ रहा है। इसमें बड़ी मिलीभगत की बात भी सामने आ रही है। कांग्रेस ने मांग की है कि प्रदेश में ग़रीबों को वितरित किए जाने वाले चावल और दूसरी राशन सामग्रियों की जांच की जाए।‘
सरकार यह पूरा मामला सीबीआई को सौंपे क्योंकि ये जनहित से जुड़ा मुद्दा है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 4, 2020
इसकी प्रदेश स्तर तक निष्पक्ष जाँच हो , इसके किसी भी दोषी को बख़्शा नहीं जाये।
ऐसा लग रहा है कि सरकार जाँच के पूर्व ही इस घोटाले को दबाने में व डाईवर्ट करने में लग गयी है।
कांग्रेस ने मांग की है कि यह एक जनहित से जुड़ा मुद्दा है इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए। कनलनाथ ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। और कहा है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख़्शा नहीं जाये। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इस घोटाले को दबाने में और डाईवर्ट करने में लगी है।
विपणन विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम की लापरवाही उजागर
गौरतलब है कि किसानों से खरीदी गई धान की सुरक्षा की जिम्मेदारी विपणन विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम की है। यहां रखी खराब धान जब राइस मिलों में जाती है तो वहां प्रोसेसिंग के दौरान चावल की क्वालिटी प्रभावित होती है। राइस मिलर्स और व्यापारियों ने भी खराब धान सप्लाई की शिकायत दर्ज कराई है। इस पर जिला कलेक्टर कलेक्टर शशिभूषण ने संज्ञान लिया और धान के क्वालिटी चेक के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। आपको बता दें कि भीगी हुई धान जब राइस मिलों में भेजी जाती है तो उससे खराब क्वालिटी का चावल तैयार होता है। और उसी चावल को पीडीएस के तहत गरीबों को बांटा जाता है।
आपको बता दें कि प्रदेश में करीब 23 जिलों में खराब चावल सप्लाई की शिकायतें आई हैं। इनमें जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, सिवनी, बालाघाट, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, रीवा, पन्ना, दमोह, होशंगाबाद, रायसेन, भिंड समेत कुल 23 जिले शामिल हैं।