मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक नहीं लेंगे वेतन, कहा- राज्य की विकास में रुपए खर्च करे सरकार
विधानसभा में प्रस्ताव रखा कि प्रदेश के विकास के लिए कांग्रेस विधायकों की तनख्वाह वापस ले ली जाए। उमंग सिंघार ने पटल पर ये प्रस्ताव रखा।
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज यानि गुरुवार को चौथा दिन है। आज सदन में खाद संकट पर चर्चा हो रही है। रोजाना की ही तरह विपक्ष सरकार पर हमालवर है। विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक दल ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रस्ताव रखा कि कांग्रेस विधायकों की सैलरी विकास कार्यों में लगाई जाए।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा सदन में इसकी घोषणा की है। सिंघार ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। इस पर सभी कांग्रेस विधायकों ने एकमत होकर यह निर्णय लिया है कि वे अपनी तनख्वाह नहीं लेंगे। इस संबंध में एक पत्र आज विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सदन में रखा जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष से आग्रह किया है कि कांग्रेस विधायकों की तनख्वाह का उपयोग उनके क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए किया जाए। सिंघार ने कहा कि सरकार कांग्रेस विधायकों के साथ भेदभाव कर रही है। इसलिए वे अपने वेतन से अपने क्षेत्र का विकास करने का फैसला लिया है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को सभी विधायकों ने हस्ताक्षर के साथ एक चिट्ठी भी सौंपी है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार कह रही है हमारे पास पैसा नहीं है, तो हमने इसलिए सैलरी वापस करने का फैसला किया है। हमारी जो सैलरी है, उससे हमारे क्षेत्र में विकास करवा दें। सरकार ने कहा था पांच-पांच करोड़ रुपए दिए जाएंगे, लेकिन अब तक क्षेत्र में विकास करने के लिए कुछ नहीं दिया। विपक्षी विधायकों के साथ यह भेदभाव किया जा रहा है। जबकि सत्ता पक्ष के विधायकों को 15-15 करोड़ रुपए दिए गए विकास के लिए। इसलिए हम सभी विधायकों ने फैसला लिया है कि अब हम विधानसभा से मिलने वाली सैलरी को नहीं लेंगे।
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नेता प्रतिपक्ष बोले कि कई बार मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बावजूद भी सरकार कांग्रेस विधायकों के साथ भेदभाव कर रही है। विधायकों के पास जनता के लिए विकास कार्य करने के लिए पैसे नहीं हैं। ट्रांसफार्मर और सड़कों के काम भी नहीं हो पा रहे हैं। सिंघार ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से कई बार शिकायत की लेकिन समस्या का हल नहीं निकला। इसलिए हम मांग करते हैं कि कांग्रेस विधायकों को वेतन देने की बजाय उन पैसों को विकास कार्यों में खर्च कर दिया जाए।