दिग्विजय सिंह के गढ़ राघौगढ़ में कांग्रेस का जलवा बरकरार, नगर पालिका चुनाव में 16 सीटों पर जमाया कब्जा

इन 19 निकायों में सबसे अधिक नजरें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गृहनगर राघौगढ़ पर टिकी थी, क्योंकि अब तक भाजपा दिग्विजय सिंह के गढ़ को भेद नहीं सकी है।

Updated: Jan 23, 2023, 09:16 AM IST

गुना। मध्य प्रदेश के 5 जिलों के 19 नगरीय निकायों में चुनाव नतीजे सामने आ गए हैं। इनमें से 12 पर भाजपा और 7 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इन 19 निकायों में सबसे अधिक नजरें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गृहनगर राघौगढ़ पर टिकी थी, क्योंकि अब तक भाजपा दिग्विजय सिंह के गढ़ को भेद नहीं सकी है। इस बार भी सत्ताधारी दल की तमाम कोशिशें नाकामयाब साबित हुई। कांग्रेस ने यहां 24 में से 16 सीटों पर कब्जा जमाया है, जबकि बीजेपी सिर्फ 8 सीट जीतने में कामयाब हुई।

राघौगढ़ नगरपालिका के 24 वार्डों के लिए 20 जनवरी को मतदान हुए थे। 63 केंद्रों पर मतदान की प्रक्रिया सम्पन्न हुई, जिसमे 76 प्रतिशत वोटरों ने मतदान किया। पिछले चुनाव के मुकाबले यह 1 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि, पिछली बार के चुनाव के मुकाबले इसबार बीजेपी ने ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है। साल 2018 में भाजपा ने सिर्फ चार सीटों पर जीत दर्ज की थी इस बार यह संख्या बढ़कर 8 तक पहुंच गई है। सत्ताधारी दल में इसी बात को लेकर खुशी है। 

राघौगढ़ के सियासी इतिहास की बात की जाए तो दिग्विजय सिंह के इस अभेद्य किले को भेदने में बीजेपी अब तक नाकाम रही है। मुख्यमंत्री रहते हुए दिग्विजय सिंह ने 2003 में यहीं से शिवराज सिंह चौहान को पराजित किया था। पिछले दो बार से राघौगढ़ जितने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। साल 2018 में जब यहां चुनाव हुए थे तब कांग्रेस के 20 पार्षद चुनाव जीतकर आए थे, जबकि भाजपा की ओर से स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रभात झा जैसे दिग्गजों ने प्रचार किया था।

इस बार भी बीजेपी के कई मंत्रियों ने यहां आकर प्रचार प्रसार किया। राज्य सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने तो मतदाताओं को खुलेआम घर तोड़ने की धमकी तक दे डाली थी। बीजेपी का दावा था कि इस बार वो राघौगढ़ की 15 से ज्यादा वार्डों पर जीत दर्ज करेगी। लेकिन सत्ताधारी दल का हर हथकंडा नाकामयाब हो गया।