आर्थिक तंगी दो ने की आत्‍महत्‍या, कांग्रेस ने मांगा आर्थिक पैकेज

लॉक डाउन के बाद काम बंद होने से रोज कमाई करने वाले लोगों का संकट बढ़ गया है। गुरुवार को आर्थिक तंगी से त्रस्‍त दो लोगों द्वारा जान देने की सूचनाएं मिली। इन खतरों को भांपते हुए कांग्रेस ने असंगठित श्रमिकों के लिए आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

Publish: Apr 17, 2020, 08:45 AM IST

marginalised people  (photo courtesy)
marginalised people (photo courtesy)

कोरोना के कारण जहां पॉजिटिव लोगों की मौत की खबरें निरंतर आ रही है वहीं अब कोरोना के कारण आजीविका पर आए संकट से जीवन खत्‍म करने की खबरें आने लगी हैं। भोपाल में गुरुवार शाम गैस राहत कॉलोनी से 32 वर्षीय अनिल अहिरवार उर्फ जीतू के आत्‍महत्‍या करने की सूचना मिली है। अनिल की 5 और 3 वर्ष की दो बेटियां हैं। गैस राहत कॉलोनी मकान नंबर एच 1724 में रहने वाला अनिलसब्जी बेचने का कार्य करता था। पड़ोसियों ने मीडिया को बताया कि आर्थिक तंगी और पुराने कर्ज से परेशान होकर उसने अपनी जान दे दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दूसरी खबर थाना हबीबगंज एक और श्रमिक की मौत की आई। पुलिस को मृतक ओमकार के साथियों ने बताया कि गणेश मंदिर के पास वीर सावरकर सेतु के नीचे मजदूरों का है आशियाना है। ओमकार भूख और नशा न होने से परेशान था। उसने भी जहरीला पदार्थ खा कर आत्‍महत्‍या कर ली। साथियों ने बताया कि लॉक डाउन के चलते मजदूरी नहीं मिल रही है। ओमकार को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा था।

इन खबरों के बीच कांग्रेस के राज्‍यसभा सदस्‍य विवेक तन्‍खा ने मांग की है कि मप्र के असंगठित कामगारों को 5000 या 6000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री को एक पत्र भेज कर कहा है कि लॉक डाउन की अवधि तय नहीं है। संकट की घड़ी में जीवन के लिए आवश्‍यक सामग्री मिलना भी निश्चित नहीं है। ऐसे में जनता को आर्थिक पैकज या कैश ट्रांसफर के माध्यम से गरीबों की समस्‍या दूर कीजिए।

 

कमलनाथ ने की थी मुफ्त अनाज देने की व्‍यवस्‍था

लॉकडाउन के कारण गरीब समुदाय अनाज के लिए परेशान हो रहे हैं। कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री रहते हुए कमलनाथ ने 23 मार्च को फैसला लिया था कि सरकार गरीबों को मुफ्त में देगी। कमलनाथ ने लॉकडाउन की स्थिति में समाज के निर्धन वर्गों को होने वाली असुविधा को देखते हुए भोपाल और जबलपुर जिलों में वर्तमान माह का उचित मूल्य की दुकानों से वितरित होने वाला राशन नि:शुल्क प्रदान करने को कहा था। फिर तीन माह का अग्रिम राशन देने के आदेश दिए गए थे। लेकिन लोगों की शिकायत है कि इतने दिनों बाद भी अनाज नहीं मिल रहा है।